शिक्षक बच्चों में गरिमा और सुरक्षा की भावना विकसित करते हैं

Sabal SIngh Bhati
By Sabal SIngh Bhati - Editor

नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने शिक्षक दिवस पर शुक्रवार को नई दिल्ली में आयोजित समारोह में शिक्षकों को राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किए। राष्ट्रपति ने चयनित पुरस्कार विजेताओं को राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार-2025 प्रदान किए। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने शुक्रवार को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित समारोह में कहा कि भोजन, वस्त्र और आवास की तरह शिक्षा भी व्यक्ति की गरिमा और सुरक्षा के लिए अनिवार्य है। संवेदनशील शिक्षक बच्चों में गरिमा और सुरक्षा की भावना जगाने का काम करते हैं।

शिक्षकों के लिए सबसे बड़ा पुरस्कार यही है कि उनके विद्यार्थी आजीवन उन्हें याद रखें तथा परिवार, समाज और देश के लिए सराहनीय योगदान दें। उन्होंने बालिका शिक्षा को महिला-नेतृत्व वाले विकास को प्रोत्साहित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने कहा कि शिक्षकों को इसे अपनी ज़िम्मेदारी बनाना चाहिए। बालिकाओं की शिक्षा को सर्वाधिक महत्व दिया जाना चाहिए। बेटियों की शिक्षा में निवेश करके हम अपने परिवार, समाज और राष्ट्र के निर्माण में अमूल्य निवेश करते हैं।

राष्ट्रपति मुर्मु ने इस बात पर खुशी जाहिर की कि पुरस्कार प्राप्त करने वाले शिक्षकों में शहरी इलाके के शिक्षकों के मुकाबले ग्रामीण क्षेत्रों के शिक्षक अधिक हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति का उद्देश्य भारत को ‘ग्लोबल नॉलेज सुपरपावर’ बनाना है। इसके लिए यह अनिवार्य है कि हमारे शिक्षकों की पहचान विश्व के सर्वश्रेष्ठ शिक्षकों के रूप में हो।

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