उत्तरप्रदेश में शिक्षकों की डिजिटल अटेंडेंस को लेकर तैयारियां जोरशोर से चल रही हैं। स्कूलों में शिक्षक नियमित और समय से आए इसके लिए सरकार डिजिटल हाजिरी अनिवार्य कर रही है। इस बीच, हाईकोर्ट के निर्देश पर परिषदीय विद्यालयों में शिक्षकों की उपस्थिति सुनिश्चित कराने के लिए कमेटी बनाई गई है। अब ऐसा माना जा रहा है कि समिति की रिपोर्ट नवंबर के आखिरी सप्ताह तक आ सकती है। बता दें कि बेसिक शिक्षा विभाग जल्द ही शिक्षकों की उपस्थिति ऑनलाइन दर्ज कराने की प्रक्रिया शुरू कर सकता है।
इसके लिए विभाग की ओर से पूरी तैयारियां कर ली गई हैं। सरकार स्कूलों में शिक्षकों की उपस्थिति को ऑनलाइन दर्ज करने की प्रक्रिया को आगे बढ़ा रही है। अब जैसे ही समिति की रिपोर्ट आएगी इसके बाद इस कार्यप्रणाली को भी लागू कर दिया जाएगा। 15 दिन में आएगी समिति की रिपोर्ट हाईकोर्ट के निर्देश पर समिति की रिपोर्ट 15 दिन में प्रस्तुत करना होगा। इस रिपोर्ट में ऑनलाइन उपस्थिति प्रणाली के तरीके और सुधार के सुझाव शामिल होंगे। समिति के गठन के बाद शिक्षक संगठनों की प्रतिक्रियाएं भी सामने आने लगी हैं।
शिक्षकों का कहना है कि उन्हें डिजिटल अटेंडेंस से कोई परहेज नहीं है लेकिन पहले उन्हें सुविधाएं भी दी जाएं। शिक्षकों ने की ये मांग शिक्षक संघ का कहना है कि शिक्षकों को ईएल, सीएल, हाफ डे, चिकित्सा सुविधा लागू की जाए ताकि कभी विपरीत परिस्थिति में शिक्षक समय से स्कूल न पहुंचे तो इन छुट्टियों का प्रयोग कर सके। वहीं अगर किसी परिस्थिति में जैसे बारिश, बाढ़ या फिर अन्य आपदाओं के बीच अगर शिक्षक स्कूल पहुंचने में देरी से पहुंच रहा हो तो उसे इसके लिए भी सुविधाएं मिलनी चाहिए।
डिजिटल अटेंडेंस का उद्देश्य सरकार का उद्देश्य शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के साथ-साथ विद्यालयों में शिक्षकों की नियमित उपस्थिति सुनिश्चित करना है, जबकि शिक्षक संगठन इसे पारदर्शिता के साथ सुविधाओं के संतुलन से जोड़ने की मांग कर रहे हैं। इस कारण से पूरे राज्य में डिजिटल अटेंडेंस को लागू करने का निर्णय लिया गया है।

