उत्तरप्रदेश में शिक्षकों की डिजीटल हाजिरी पहले से ही लगती थी, लेकिन अब छात्रों की डिजिटल हाजिरी के आदेश ने शिक्षकों की समस्याओं को बढ़ा दिया है। प्राथमिक विद्यालयों में बच्चों की ऑनलाइन हाजिरी लागू करने के आदेश से शिक्षकों में गुस्सा साफ नजर आ रहा है। शिक्षकों के विरोध के बीच, बेसिक शिक्षा विभाग ने परिषदीय विद्यालयों में बच्चों की हर दिन की डिजिटल हाजिरी के लिए सख्ती शुरू कर दी है। विभाग ने निर्देश दिए हैं कि तीन दिन में सभी विद्यालयों और सभी बच्चों की उपस्थिति प्रेरणा पोर्टल पर अपलोड की जाए।
शिक्षक संगठन ने अपने सभी पदाधिकारियों को पत्र जारी कर 1 नवंबर को आदेश का संगठित विरोध करने का निर्देश दिया है। 24 अक्टूबर को संघ ने अपर मुख्य सचिव (बेसिक शिक्षा) को पत्र भेजकर बताया कि विभागीय अधिकारियों द्वारा जारी यह आदेश अव्यावहारिक है और शिक्षकों पर अनुचित दबाव डाला जा रहा है। पत्र का कोई जवाब नहीं आने पर सभी जिला मुख्यालय के बाहर शिक्षक प्रदर्शन करेंगे और ज्ञापन सौंपेंगे। शिक्षकों का कहना है कि बच्चों की ऑनलाइन उपस्थिति व्यवस्था व्यवहारिक नहीं है, विशेषकर ग्रामीण विद्यालयों में इंटरनेट और संसाधनों की कमी के कारण।
अभी तक केवल 19.39 फीसदी बच्चों की उपस्थिति अपलोड की जा रही है। विरोध स्वरूप 1 नवंबर को शिक्षक मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री को ज्ञापन जिलाधिकारी या जनपदीय प्रशासन के माध्यम से सौंपेंगे। जिन जिलों में सबसे कम हाजिरी अपलोड की जा रही है, उनमें महोबा में शून्य, बहराइच में 0.33 फीसदी, गोंडा में 0.35 फीसदी, महाराजगंज में 0.29 फीसदी, बदायूं में 0.17 फीसदी, शाहजहांपुर में 1.76, बांदा में 1.33 फीसदी, उन्नाव में 0.51 फीसदी, मुरादाबाद में 1.26 फीसदी, बिजनौर में 1.65 फीसदी और अमरोहा में 1.93 फीसदी बच्चों की हाजिरी अपलोड की जा रही है।
शिक्षकों को हाजिरी अपलोड करने में कई दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।


