राघोपुर सीट पर तेजस्वी यादव की स्थिति पर उठे सवाल

बिहार विधानसभा चुनाव में राघोपुर सीट पर तेजस्वी यादव की स्थिति पर सवाल उठ रहे हैं। यह सीट, जो कभी लालू प्रसाद यादव का गढ़ मानी जाती थी, अब राजद के लिए मुश्किल चुनौती बन गई है। 2015 और 2020 में यहां से जीत हासिल करने वाले तेजस्वी को इस बार भाजपा ने मजबूत दावेदार उतारकर घेराबंदी की है। भाजपा ने राघोपुर में अपने कद्दावर नेता और पूर्व मंत्री रामसूरत राय के बेटे राकेश राय को मैदान में उतारा है।

राकेश स्थानीय स्तर पर मजबूत पकड़ रखते हैं और एनडीए के समर्थन से तेजस्वी के सामने कड़ी टक्कर दे रहे हैं। मतदाताओं में असमंजस है कि क्या तेजस्वी फिर से इस सीट को बचा पाएंगे। पारंपरिक यादव वोट बैंक और राजद के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, तेजस्वी को राघोपुर में अपनी पारंपरिक यादव वोट बैंक के अलावा मुस्लिम और अन्य पिछड़ा वर्ग के समर्थन की जरूरत है, लेकिन भाजपा की रणनीति ने समीकरण बिगाड़ दिए हैं। सर्वेक्षणों में भी सीट पर कांटे की टक्कर दिख रही है, जिससे राजद नेतृत्व चिंतित है।

चुनावी विश्लेषकों का मानना है कि अगर तेजस्वी राघोपुर हार गए तो यह उनके नेतृत्व पर बड़ा सवाल खड़ा करेगा। राज्य में महागठबंधन की रणनीति का केंद्र बने तेजस्वी के लिए यह सीट अब प्रतिष्ठा का प्रश्न बन चुकी है। परिणाम 4 नवंबर को आएंगे, जो बिहार की सियासत की दिशा तय करेंगे।

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Vikram Singh Bhati is author of Niharika Times web portal
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