हैदराबाद, 10 अप्रैल ()। राज्यपाल तमिलिसाई सुंदरराजन के पास लंबित विधेयकों के मामले में तेलंगाना सरकार के उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाने के बाद राज्यपाल ने तीन विधेयकों को मंजूरी दे दी है जबकि दो अन्य विधेयकों को राज्य सरकार को लौटा दिया है।
राज्यपाल ने दो अन्य विधेयकों को मंजूरी के लिए राष्ट्रपति भवन भेजा है जबकि तीन अन्य को अपने पास लंबित रखा है।
अभी यह स्पष्ट नहीं है कि राज्यपाल ने किन तीन विधेयकों को मंजूरी दी है, किन दो को राज्य सरकार को वापस लौटाया है और किन दो को राष्ट्रपति भवन भेजा है।
माना जा रहा है कि तेलंगाना फॉरेस्ट यूनिवर्सिटी विधेयक, जयशंकर एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी अमेंडमेंट विधेयक और तेलंगाना वीमिन्स यूनिवर्सिटी विधेयक को राज्यपाल ने मंजूरी दी है जबकि अजमाबाद इंडस्ट्रियल एरिया अमेंडमेंट विधेयक और तेलंगाना मोटर वीइकल टैक्स एमेंडमेंट विधेयक को राष्ट्रपति के पास भेजा है।
लंबित विधेयकों पर राज्यपाल ने ऐसे समय में फैसला किया है जब उच्चतम न्यायालय में सोमवार को ही इस संबंध में सुनवाई दोबारा शुरू होनी थी।
राज्य सरकार ने एक रिट याचिका में उच्चतम न्यायलय को बताया है कि राजभवन में 10 विधेयक लंबित पड़े हैं। इनमें से सात विधेयक सितंबर 2022 से तथा शेष तीन इस साल फरवरी से लंबित हैं। सरकार ने शीर्ष अदालत से मांग की थी कि वह विधेयकों पर राज्यपाल के फैसले में देरी को अवैधानिक, अनियमित और असंवैधानिक घोषित करे।
विशेष अनुमति याचिका में राज्य सरकार ने कहा है, संविधान के अनुसार, यह अनिवार्य है कि राज्यपाल विधेयकों को मंजूरी दें और इस संबंध में निष्क्रियता कानून विहीनता की ओर ले जाएगा।
राज्य सरकार ने कहा कि यदि राज्यपाल को विधेयकों को लेकर कोई संशय है तो वह स्पष्टीकरण मांग सकती हैं, लेकिन विधेयक को रोक नहीं सकतीं।
सरकार ने याचिका में कहा, यदि वह कोई मुद्दा उठाती हैं तो हम स्पष्टीकरण देंगे। वह उसे रोक नहीं सकतीं। इस संबंध में संवैधानिक अनिवार्यता स्पष्ट है।
यह दूसरी बार है जब भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) ने राज्यपाल के खिलाफ शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया है।
सरकार ने फरवरी में 2023-24 के लिए राज्य के बजट को मंजूरी देने के लिए राज्यपाल को निर्देश देने के लिए तेलंगाना उच्च न्यायालय का रुख किया था। हालांकि अदालत ने सुझाव दिया था कि दोनों पक्ष इस मुद्दे को सौहाद्र्रपूर्ण ढंग से सुलझा लें।
राज्य सरकार और राजभवन दोनों के वकील एक समझौता फामूर्ले पर सहमत हो गए थे। सरकार विधानसभा के बजट सत्र की शुरुआत राज्यपाल के अभिभाषण के साथ शुरू करने पर सहमत हुई और राज्यपाल बजट को मंजूरी देने के लिए राजी हुईं।
राज्यपाल ने नवंबर 2022 में बीआरएस के उन आरोपों को खारिज कर दिया था कि राजभवन ने राज्य सरकार द्वारा पारित कुछ विधेयकों रोक रखा है। उन्होंने कहा था कि वह अपनी सहमति देने से पहले विधेयकों का आकलन और विश्लेषण करने में समय ले रही हैं।
शिक्षा मंत्री पी. सबिता इंद्रा रेड्डी ने कॉमन रिक्रूटमेंट बोर्ड बिल पर अपनी शंकाओं को स्पष्ट करने के लिए बाद में राज्यपाल से मुलाकात की थी।
एकेजे/
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