नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने नौवीं से 12वीं कक्षा तक तेलंगाना में पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों को एमबीबीएस और बीडीएस में दाखिले से संबंधित राज्य सरकार के मूल निवास संबंधी आरक्षण का लाभ देने वाले राज्य सरकार के नियम को बरकरार रखा है। मुख्य न्यायाधीश बी आर गवई और न्यायमूर्ति के विनोद चंद्रन की पीठ ने सोमवार को तेलंगाना सरकार की अपील स्वीकार कर ली। अदालत ने उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देने वाली राज्य सरकार की याचिका पर यह फैसला सुनाया।
शीर्ष अदालत ने संबंधित पक्षों की दलीलें सुनने के बाद 5 अगस्त को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। उच्च न्यायालय ने पिछले साल इस नियम को मनमाना करार दिया था। अदालत ने अपने आदेश में कहा था कि मूल निवास संबंधी नियम कुछ वर्षों के लिए राज्य से बाहर गए स्थायी निवासियों के बच्चों को दाखिले से वंचित कर देगा।


