जयपुर। नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में टाइगर सफारी का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद वन विभाग के अधिकारियों में हड़कम्प मच गया है। वीडियो बनाने वाले पर्यटक उज्जवल शर्मा ने बताया कि फोरेस्ट डिपार्टमेंट के स्टाफ ने उनसे वीडियो डिलीट करवाने की कोशिश की थी, लेकिन उन्होंने अपने दोस्त की मदद से वीडियो को रिकवर कर लिया। 26 अक्टूबर को सफारी के दौरान उनके साथ जो घटना हुई, उसमें उन्हें 30 मिनट बाद दूसरा सफारी व्हीकल मिला, लेकिन उसे कुछ दूरी पर खड़ा कर दिया गया था।
इसके बाद वे खड्डे में धंसे वाहन से उतरकर दूसरे वाहन में गए। इस दौरान वन विभाग की गाड़ी भी वहां थी, जिसमें अधिकारी मौजूद थे, लेकिन वे अपनी गाड़ी से नीचे नहीं उतरे। यह सब कुछ वीडियो में कैद है। एक व्यक्ति पतली सी डंडी लिए उनके पास आया और उन्हें दूसरे सफारी व्हीकल में बिठाया। यह सब मैंने अपने मोबाइल कैमरे में रिकॉर्ड किया। दैनिक नवज्योति ने 29 अक्टूबर को इस घटना पर ‘वायरल वीडियो : टाइगर सफारी में गाडी का टायर धंसा, 30 मिनट तक फंसे रहे पर्यटक’ शीर्षक से खबर प्रकाशित की थी।
वन्यजीव विशेषज्ञ दिनेश दुर्रानी ने कहा कि सफारी के ट्रैक्स की जांच होनी चाहिए और सफारी के दौरान गाइड का होना आवश्यक है। वाइल्ड लाइफ एक्सपर्ट सुनील मेहता ने कहा कि सफारी ट्रैक दुरुस्त होने के बाद ही सफारी करानी चाहिए। यह अधिकारियों के लिए एक आंखें खोलने वाली घटना है। नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क स्थित टाइगर सफारी की घटना की जानकारी ली जा रही है। यदि स्टाफ ने पर्यटक से वीडियो डिलीट करवाए हैं, तो यह गलत है। इसकी जांच की जाएगी। -टी. मोहनराज, सीसीएफ, वाइल्ड लाइफ


