रत्न शास्त्र में कुछ रत्नों का विशेष महत्व है। इनमें से एक पुखराज है, जो गुरु ग्रह से संबंधित है। इसे धारण करने से पहले ज्योतिष की सलाह लेना आवश्यक है, क्योंकि गलत तरीके से धारण करने पर नुकसान हो सकता है। पुखराज को धारण करते समय सही मंत्र का जाप करना भी जरूरी है। पुखराज को धारण करने के लिए इसे पहले गंगाजल, तुलसी, दूध और शहद के पानी में डुबोकर शुद्ध करना चाहिए। इसके बाद ॐ बृ बृहस्पति नमः का जाप 108 बार करें। आप ॐ ग्रां ग्रीन ग्रो गुरवे नमः का भी जाप कर सकते हैं।
इसे दाहिने हाथ की तर्जनी उंगली में धारण करें और हमेशा गुरुवार को पहनें। पुखराज मेष, धनु, कर्क, मीन और वृश्चिक राशि के लोगों के लिए शुभ है, क्योंकि इनकी कुंडली में गुरु ग्रह अच्छे परिणाम देता है। पुखराज पहनने से व्यक्ति की जिंदगी में सकारात्मक प्रभाव दिखाई देने लगता है। हालांकि, मिथुन, वृषभ, तुला, कन्या, मकर और कुंभ राशि के लोगों को इसे नहीं पहनना चाहिए। यदि इन राशियों में गुरु की स्थिति कमजोर है, तो कुंडली दिखाकर इसे धारण किया जा सकता है। बिना ज्योतिष की सलाह के इसे धारण न करें।


