जब रिश्ते में नकारात्मकता बढ़े, तो ब्रेकअप का सही समय जानें

vikram singh Bhati

कभी-कभी हम किसी रिश्ते में इतना खो जाते हैं कि खुद को भूल जाते हैं। शुरुआत में प्यार और देखभाल से भरा रिश्ता धीरे-धीरे तनाव, झगड़ों और नकारात्मकता में बदल जाता है। लेकिन हम उसे बचाने की कोशिश करते रहते हैं, क्योंकि छोड़ना आसान नहीं होता। चाहे दोस्ती हो, प्रेम संबंध या शादी, जब रिश्ता बोझ बनने लगे, तो खुद को तोड़ने से पहले सोचिए, क्या अब आगे बढ़ने का वक्त नहीं आ गया?

हर रिश्ता हमारे जीवन में कुछ सिखाने आता है, लेकिन जब वही रिश्ता हमारी ऊर्जा खत्म करने लगे, तो उससे दूर जाना ही असली हिम्मत होती है। अगर आपके रिश्ते में लगातार झगड़े, मानसिक तनाव या नियंत्रण करने की प्रवृत्ति रोज़मर्रा का हिस्सा बन गई है, तो यह संकेत है कि अब ब्रेकअप ज़रूरी है। आइए जानते हैं कि एक टॉक्सिक रिलेशनशिप से बाहर निकलने के आसान और समझदारी भरे तरीके कौन-से हैं। टॉक्सिक रिलेशनशिप की पहचान अक्सर लोग सोचते हैं कि हर रिश्ता परफेक्ट नहीं होता, इसलिए वो झगड़ों को सामान्य मान लेते हैं।

लेकिन टॉक्सिक रिलेशनशिप की कुछ साफ पहचानें होती हैं जब पार्टनर आपकी आत्म-सम्मान को बार-बार ठेस पहुंचाए। जब आपके विचारों, कपड़ों या दोस्तों पर लगातार नियंत्रण किया जाए। जब आपको हमेशा गिल्टी या कमजोर महसूस कराया जाए। जब रिश्ता आपको तनाव, डर या उदासी दे, सुकून नहीं। अगर आपके रिश्ते में ये पैटर्न बार-बार दिखने लगे, तो यह संकेत है कि यह रिश्ता अब आपको नुकसान पहुंचा रहा है। ऐसे में ब्रेकअप कोई कमजोरी नहीं, बल्कि खुद के प्रति सम्मान की निशानी है। खुद से दोबारा जुड़ें ब्रेकअप दर्दनाक होता है, लेकिन यह आत्म-सशक्तिकरण की पहली सीढ़ी भी है।

रोना, गुस्सा आना या खालीपन महसूस करना बिल्कुल सामान्य है। इन्हें दबाएं नहीं। योग, जर्नलिंग या किसी शौक़ को दोबारा अपनाएं। पुराने फोटो, चैट या यादें बार-बार देखकर खुद को कमजोर न करें। दोस्तों या परिवार से खुलकर बात करें। ब्रेकअप का मतलब केवल किसी से दूर होना नहीं, बल्कि खुद से दोबारा जुड़ना है। खुद को प्यार और ध्यान देना ही असली हीलिंग की शुरुआत होती है।

अपने अंदर आत्मविश्वास वापस लाएं कई बार हम खुद को समझाने लगते हैं कि शायद वो बदल जाए, लेकिन सच्चाई ये है कि टॉक्सिक लोग कभी नहीं बदलते जब तक उन्हें खोने का एहसास न हो। इसलिए ज़रूरी है ‘नो कॉन्टैक्ट रूल’ अपनाना, पार्टनर से कुछ हफ़्तों या महीनों तक किसी भी तरह का संपर्क न रखें। यह समय आपके मानसिक और भावनात्मक रिकवरी का होगा। पुराने पैटर्न्स से बाहर निकलकर आप खुद को एक नई दिशा देंगे। यह कदम कठिन लगता है, लेकिन यही वह स्टेप है जो आपको पुराने दर्द से बाहर लाकर आत्मसम्मान की ओर ले जाएगा।

खुद को दोबारा मजबूत बनाएं ब्रेकअप के तुरंत बाद किसी नए रिश्ते में जाना अक्सर सबसे बड़ी गलती होती है। पहले खुद को समझने का समय दें, सोचें कि पिछले रिश्ते से आपने क्या सीखा। अपनी सीमाएं तय करें कि भविष्य में आप कैसा व्यवहार स्वीकार करेंगे। खुद के लिए समय निकालें, यात्राएं करें, आत्म-विकास पर ध्यान दें। याद रखिए, सही रिश्ता तब आता है जब आप खुद को पूरी तरह स्वीकार करते हैं। इसलिए जल्दबाज़ी नहीं, बल्कि सच्ची समझ से आगे बढ़ें।

क्या कहती हैं रिलेशनशिप एक्सपर्ट्स काउंसलर और रिलेशनशिप एक्सपर्ट्स का मानना है कि टॉक्सिक रिलेशनशिप से बाहर निकलना सेल्फ-लव की प्रोसेस का हिस्सा है। अगर कोई रिश्ता आपको थकाने लगे, आपकी भावनाओं को नजरअंदाज करे, तो वह प्यार नहीं, आदत होती है। ऐसे रिश्ते को छोड़ना दर्द देता है, लेकिन यही कदम आपको अपनी खुशी के करीब लाता है। वहीं कुछ मनोवैज्ञानिक मानते हैं कि ब्रेकअप के बाद लोग अक्सर खुद को दोषी ठहराते हैं। जबकि सच्चाई यह है कि हर रिश्ता दो लोगों की जिम्मेदारी होता है, और अपनी शांति को प्राथमिकता देना कभी गलत नहीं।

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Vikram Singh Bhati is author of Niharika Times web portal