TRAI का नया फीचर: कॉलर का असली नाम अब स्क्रीन पर

vikram singh Bhati

मोबाइल फोन उपयोगकर्ताओं के लिए एक महत्वपूर्ण अपडेट सामने आया है। टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) ने डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकम्युनिकेशन (DOT) के “कॉलिंग नेम प्रेजेंटेशन (CNAP)” प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इस नए फीचर के माध्यम से उपयोगकर्ताओं को कॉलर का नाम स्क्रीन पर दिखाई देगा। वर्तमान में, जब कोई व्यक्ति कॉल करता है, तो केवल उसका नंबर ही दिखाई देता है। लेकिन नई सुविधा के लागू होने से रिसीवर के फोन पर नंबर के साथ-साथ कॉल करने वाले का नाम भी प्रदर्शित होगा, जिससे स्पैम कॉल से राहत मिल सकती है।

हालांकि, अभी तक नया नियम जारी नहीं किया गया है। दूरसंचार विभाग ने इस सेवा के संबंध में 26 सितंबर 2025 को बैक-रेफरेंस प्रस्तुत किया था, जिस पर TRAI ने प्रतिक्रिया दी है। इससे पहले, 21 मार्च 2022 को दूरसंचार विभाग ने TRAI को TRAI अधिनियम 1997 की धारा 11 (1)(ए) के तहत सिफारिश करने का अनुरोध किया था। हितधारकों से विचार-विमर्श के बाद, 23 फरवरी 2024 को TRAI को सिफारिश दी गई थी। दूरसंचार विभाग ने फिर से 26 सितंबर 2025 को बैक रेफरेंस प्रस्तुत किया है।

TRAI ने विचारों की जांच के बाद अपनी प्रतिक्रिया को अंतिम रूप दिया है, जो उनकी आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध है। CNAP क्या है? CNAP एक पूरक सेवा है जो कॉल किए गए पक्ष को कॉल करने वाले पक्ष की कॉलिंग नाम की जानकारी प्राप्त करने में सक्षम बनाती है। यह सेवा सभी इनकमिंग कॉल्स के लिए कॉल सेटअप के समय कॉल किए गए पक्ष को कॉल करने वाले का नाम बताती है। वर्तमान में, इनकमिंग कॉल के दौरान केवल मोबाइल या लैंडलाइन नंबर ही “कॉलिंग लाइन आइडेंटिफिकेशन” के रूप में दिखाई देता है। यह सेवा कैसे काम करेगी?

अथॉरिटी ने दूरसंचार सेवा प्रदाताओं के ग्राहकों के आधार पर इस सेवा का परीक्षण और मूल्यांकन करने का सुझाव दिया है। दूरसंचार सेवा प्रदाताओं ने अपने नेटवर्क में 4G या उससे ऊपर की तकनीक के लिए इस सेवा का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है। इसे बाद में लागू किया जा सकता है। यह सेवा कॉल किए गए पक्ष के लिए डिफ़ॉल्ट रूप से उपलब्ध होगी। यदि किसी ग्राहक को इसकी आवश्यकता नहीं है, तो वह इसे डिसेबल करने का अनुरोध कर सकता है। वर्तमान में, भारतीय दूरसंचार नेटवर्क का एक बड़ा हिस्सा सर्किट स्विच्ड कोर पर काम करता है।

इसलिए, CNAP पूरक सेवा को लागू करने के लिए विशेष तकनीकी मॉडल का उपयोग किया जाएगा। प्रत्येक एक्सेस सेवा प्रदाता अपने ग्राहकों के टेलीफोन नंबर के लिए ग्राहक के नाम वाला एक डेटाबेस स्थापित और संचालित करेगा।

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Vikram Singh Bhati is author of Niharika Times web portal