नई दिल्ली, 6 जून ()। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने मंगलवार को कहा कि उसे बालासोर ट्रेन दुर्घटना के संबंध में दर्ज प्राथमिकी की एक प्रति मिली है, जिसमें 275 लोग मारे गए थे। इस प्राथमिकी से रेलवे कर्मचारियों की संलिप्तता का पता नहीं चलता, यह तो जांच से ही पता चलेगा।
कटक के ओपीएस एसडीआरपीओ रंजीत नायक की लिखित शिकायत पर प्राथमिकी दर्ज की गई थी, जिसमें कहा गया है कि 2 जून को शाम 6:55 बजे ट्रेन संख्या-12841 हावड़ा-चैनल कोरोमंडल एक्सप्रेस और ट्रेन संख्या-12864 यशवंतपुर-हावड़ा एक्सप्रेस के बीच टक्कर के कारण दोनों ट्रेनों के डिब्बे पलट गए, जिससे सैकड़ों यात्रियों की मौत हो गई।
प्राथमिकी में कहा गया है, मृतकों के शवों को डीएचएच बालासोर, डीएचएच भद्रक, सीएचसी सोरो और अन्य अस्पतालों के शवगृह में भिजवा दिया गया है, बचाव कार्य अभी भी जारी है। इस रिपोर्ट के आधार पर जो एक सं™ोय मामले का खुलासा करती है, आईपीसी की धारा 337, 338, 304ए और 34 और रेलवे अधिनियम की धारा 153, 154 और 175 के तहत एक प्राथमिकी दर्ज की गई है।
प्राथमिकी में यह भी उल्लेख किया गया है कि रेलवे कर्मचारियों का दोष अभी निर्धारित नहीं किया गया है और यह जांच के दौरान स्थापित किया जाएगा।
सीबीआई ने कहा कि उसने रेल मंत्रालय के अनुरोध पर और ओडिशा सरकार की सहमति से मामला दर्ज किया है।
सीबीआई ने कहा, यह घटना 2 जून, 2023 को कोरोमंडल एक्सप्रेस, यशवंतपुर-हावड़ा एक्सप्रेस और बालोरोर के बहनागा बाजार में एक मालगाड़ी के बीच हुई ट्रेन दुर्घटना से संबंधित है।
सीबीआई के एक अधिकारी ने कहा कि एजेंसी ने बालासोर जीआरपीएस में पहले से दर्ज जांच को अपने हाथ में ले लिया है। सीबीआई की एक टीम पहले से ही बालासोर में मौजूद है।
रविवार को रेलवे बोर्ड ने बालासोर ट्रेन हादसे की सीबीआई जांच की सिफारिश की थी।
रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने रविवार को कहा था कि परिस्थितियों, स्थिति और प्रशासन से मिली जानकारी को देखते हुए रेलवे बोर्ड सीबीआई जांच की सिफारिश कर रहा है।
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