नई दिल्ली। कांग्रेस ने कहा कि दूर दराज के क्षेत्रों में जो भी बड़ी परियोजनाएं चल रही हैं, उनसे जंगल नष्ट हो रहे हैं, लेकिन आदिवासियों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। आदिवासी कांग्रेस के प्रमुख विक्रांत भूरिया ने यहां कहा कि इन परियोजनाओं के कारण हजारों नहीं लाखों पेड़ काटे जा रहे हैं और जंगल के जंगल नष्ट हो रहे हैं। इसका सीधा असर आदिवासियों पर पड़ रहा है और उन्हें इसकी वजह से भारी संकट झेलना पड़ रहा है।
भूरिया ने ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट योजना का जिक्र करते हुए कहा कि यह कोई योजना नहीं है, बल्कि एक बहुत बड़ी त्रासदी है। इससे धरती और आदिवासी दोनों खतरे में आ सकते हैं। इस परियोजना में सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 8.5 लाख पेड़ कटने वाले हैं लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि ये आंकड़ा 50 लाख पेड़ों से भी ज्यादा का है। उन्होंने कहा कि इससे पूरा जंगल खत्म हो जाएगा और कई आदिवासी जनजातियां विलुप्त होने की कगार पर पहुंच जाएंगी। इस करोड़ों रुपए के प्रोजेक्ट से सिर्फ बड़े उद्योगपतियों को फायदा मिलने वाला है।
उन्होंने कहा कि इस परियोजना से शोम्पेन जनजाति पर पूरी तरह से खत्म होने का खतरा मंडरा रहा है। कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने अपने वक्तव्य में साफ कहा है कि ये आदिवासियों को कुचलने वाली परियोजना है। उनका कहना था कि यह योजना विकास नहीं विनाश है।


