मुख्यमंत्री ने जनजातीय गौरव दिवस पर विकास की प्रतिबद्धता जताई

Tina Chouhan

जयपुर। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि हमारी सरकार जनजातीय विकास के लिए संकल्पित हैं। शर्मा शनिवार को डूंगरपुर के श्री भोगीलाल राजकीय महाविद्यालय में भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती पर आयोजित राज्य स्तरीय जनजातीय गौरव दिवस समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जनजाति समुदाय ने सदियों से प्रकृति, संस्कृति, साहस और सत्य के मार्ग को जीवंत रखा है। राजस्थान के हृदय में सबसे जीवंत और प्रखर धारा के रूप में हमारे आदिवासी भाई-बहन हैं। उन्होंने कहा कि आदिवासियों का इतिहास संघर्ष से भरा है, लेकिन उससे भी अधिक गौरवपूर्ण है।

इन्होंने जल, जंगल और जमीन के साथ संतुलन बनाकर विश्व को जीना सिखाया है। त्योहार, गीतों और परंपराओं से राजस्थान की पहचान को समृद्ध बनाया है। उन्होंने कहा कि जनजातियों के नृत्य में ताल ही नहीं, बल्कि पीढ़ियों की कहानियां समाहित हैं। इसी प्रकार त्योहारों में रंग ही नहीं, आदिवासी गौरव की चमक भी बसती है। राज्य सरकार इन परंपराओं को संजोने के साथ ही दुनिया के सामने गर्व से पेश करेगी। पीएम मोदी की पहल से जनजातीय समुदायों का हो रहा विकास।

शर्मा ने कहा कि आजादी के बाद दशकों तक जनजाति समाज के योगदान को वह सम्मान नहीं मिला, जिसका वह हकदार है। पीएम मोदी ने 2021 से हर वर्ष 15 नवंबर को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाने की शुरुआत की। उनकी यह पहल इन समुदायों के महान योगदान, बलिदान और गौरवशाली विरासत को सच्चा सम्मान है। प्रधानमंत्री ने सबका साथ-सबका विकास के मूलमंत्र के साथ जनजातीय समुदाय को मुख्यधारा से जोड़कर उनका विकास करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। प्रधानमंत्री ने गत वर्ष 2 अक्टूबर को धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान शुरू किया।

इस अभियान के माध्यम से बुनियादी ढांचे, स्वास्थ्य, शिक्षा और आजीविका जैसी कमियों को दूर कर जनजातीय समुदायों का समग्र और सतत विकास सुनिश्चित किया जा रहा है। इसी तरह पीएम जनजाति आदिवासी न्याय महा अभियान शुरू कर कमजोर जनजातीय समूहों का सामाजिक-आर्थिक विकास भी सुनिश्चित किया जा रहा है।

Share This Article