उद्धव ने चुनाव आयोग से कहा, सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने पर ही पार्टी का नाम, चुनाव चिह्न् तय करें (लीड-1)

Sabal Singh Bhati
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मुंबई, 8 फरवरी ()। शिवसेना-यूबीटी अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने बुधवार को चुनाव आयोग से अपील की कि वह उनकी पार्टी का नाम शिवसेना और उसके चुनाव चिह्न् धनुष-तीर 16 बागियों की अयोग्यता पर 14 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद ही तय करे।

अक्टूबर, 2022 में चुनाव आयोग ने ठाकरे समूह और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले अलग गुट के जवाबी दावों के बीच शिवसेना नाम और उसके चुनाव चिह्न् धनुष-तीर को फ्रीज कर दिया था।

बाद में नवंबर 2022 में मुंबई में एक विधानसभा सीट के उपचुनाव के मद्देनजर ईसीआई ने ठाकरे गुट को शिवसेना-यूबीटी नाम और जलती मशाल चुनाव चिह्न् आवंटित किया था, जबकि शिंदे गुट का नाम बालासाहेबंची शिवसेना और दो तलवार और ढाल चुनाव चिह्न् तय किया था।

पूर्व मुख्यमंत्री ठाकरे ने कानून में अपना पूर्ण विश्वास दोहराते हुए कहा, हमें पूरा विश्वास है कि शीर्ष अदालत द्वारा एक सप्ताह (14 फरवरी) के बाद होने वाली अगली सुनवाई में 16 विधायकों (शिंदे सहित) को अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा।

ठाकरे यहां वरिष्ठ नेताओं सुभाष देसाई, अनिल देसाई और अन्य लोगों के साथ मीडियाकर्मियों से बात कर रहे थे। उन्होंने चुनाव आयोग से सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद ही पार्टी के नाम और चुनाव चिह्न् तय करने की अपील की।

शिवसेना के दोनों गुट चुनाव आयोग के समक्ष दलीलें और अपने-अपने लिखित दावे पेश कर चुके हैं।

सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ 16 फरवरी को शिवसेना के 16 बागियों की अयोग्यता और अन्य संबंधित मुद्दों पर सुनवाई करेगी।

शिंदे के नेतृत्व वाले बीएसएस का जिक्र करते हुए ठाकरे ने सीधे तौर पर यह कहा कि केवल एक शिवसेना है और वह किसी अन्य गुट को मान्यता नहीं देते हैं।

उन्होंने शिंदे को देशद्रोही के रूप में वर्णित किया और कहा कि उन्होंने जून 2022 में बगावत के बाद सत्ता हथियाने के लिए असली शिवसेना की पीठ में छुरा घोंपा था, जिस कारण शिवसेना, कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के गठबंधन वाली महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार गिर गई थी।

ठाकरे ने बीएसएस के दावों की खिल्ली उड़ाते हुए कहा कि वे असली सेना हैं, क्योंकि उनके पास अधिक निर्वाचित लोग (विधायक और सांसद) हैं। उन्होंने कहा कि अगर पैसे के दम पर सत्ता हथियाने की परिपाटी चलती रही, तो कल उद्योगपतियों सहित धन शक्ति वाला कोई भी व्यक्ति प्रधानमंत्री या मुख्यमंत्री बन सकता है।

ठाकरे ने कहा कि आजकल कोई भी धन बल का उपयोग करके पीएम या सीएम बन सकता है, जो लोकतंत्र के लिए खतरा है और सुप्रीम कोर्ट से शिवसेना मामले में जल्द ही अपना फैसला सुनाने का आग्रह किया।

ठाकरे के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए शिंदे ने कहा कि उन्हें कानूनी प्रक्रियाओं पर पूरा भरोसा है। चुनाव आयोग एक स्वतंत्र निकाय है, इसलिए ठाकरे उसे कैसे सलाह दे सकते हैं कि अपना फैसला कब सुनाना है।

बीएसएस के एक अन्य नेता राहुल शेवाले ने कहा कि ठाकरे पार्टी के आंतरिक चुनाव के मुद्दे पर गुमराह कर रहे हैं और उनसे चुनाव के फुटेज उपलब्ध कराने को कहा।

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Sabal Singh Bhati is CEO and chief editor of Niharika Times