आधार प्रमाणीकरण करने से पहले लोगों की सहमति लें: यूआईडीएआई

Sabal Singh Bhati
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नई दिल्ली, 23 जनवरी ()। यूआईडीएआई ने निर्देश दिए हैं कि, आधार प्रमाणीकरणकरने से पहले आधार धारकों की सहमति आवश्यक होगी।

भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने अनुरोध करने वाली संस्थाओं (आरई) के लिए अपने नए दिशानिर्देशो में इस बात पर प्रकाश डाला है कि उन्हें आधार प्रमाणीकरण करने से पहले निवासियों की सूचित सहमति या तो कागज पर या इलेक्ट्रॉनिक रूप से प्राप्त करना जरुरी है।

इसने आरई से आग्रह किया है, जो ऑनलाइन प्रमाणीकरण करता है, यह सुनिश्चित करने के लिए कि निवासी एकत्र किए जा रहे डेटा के प्रकार और आधार प्रमाणीकरण के उद्देश्य को समझें। यह रेखांकित किया गया है कि प्रमाणीकरण लेनदेन के लॉग, सहमति सहित, केवल आधार विनियमों में निर्धारित अवधि के लिए रखे जाते हैं। उक्त समय अवधि की समाप्ति के बाद ऐसे लॉग की शुद्धि भी आधार अधिनियम और उसके विनियमों के अनुसार की जाएगी।

यूआईडीएआई ने इस बात पर प्रकाश डाला है कि आरई को निवासियों के प्रति विनम्र होना चाहिए और उन्हें आधार संख्या की सुरक्षा और गोपनीयता के बारे में आश्वस्त करना चाहिए, जिसका उपयोग प्रमाणीकरण लेनदेन के लिए किया जा रहा है। इसने आरई से आग्रह किया है कि वह प्रमाणीकरण के आसपास किसी भी संदिग्ध गतिविधि जैसे निवासियों द्वारा संदिग्ध प्रतिरूपण, या किसी प्रमाणीकरण ऑपरेटर द्वारा किसी भी समझौता या धोखाधड़ी के बारे में तुरंत यूआईडीएआई को रिपोर्ट करें।

आरई को आम तौर पर आधार संख्या के पहले 8 अंकों को छिपाए या संपादित किए बिना आधार को भौतिक या इलेक्ट्रॉनिक रूप में स्टोर नहीं करना चाहिए। यूआईडीएआई ने आरई को केवल तभी आधार नंबर स्टोर करने के लिए निर्देशित किया है जब वे ऐसा करने के लिए अधिकृत हों, और वह भी यूआईडीएआई द्वारा निर्धारित तरीके से।

इसने आरई को निवासियों के लिए प्रभावी शिकायत प्रबंधन तंत्र प्रदान करने और कानून और विनियमों के तहत आवश्यक किसी भी सुरक्षा ऑडिट के लिए यूआईडीएआई और उसके द्वारा प्रतिनियुक्त अन्य एजेंसियों के साथ सहयोग करने के लिए कहा है।

केसी/एएनएम

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Sabal Singh Bhati is CEO and chief editor of Niharika Times