मध्य प्रदेश के नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने राज्य सरकार पर मध्यान्ह भोजन योजना को लेकर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने हाल ही में श्योपुर जिले में बच्चों को अख़बार पर भोजन परोसे जाने की घटना का उल्लेख करते हुए सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया। सिंघार ने कहा कि डबल इंजन सरकार ने बच्चों के हाथ से थाली और चम्मच तक छीन लिया है। उन्होंने X पर लिखा कि मिड डे मील अब मिड डे ‘डील’ बन गया है।
कांग्रेस सरकार ने स्कूली बच्चों को कुपोषण और भूख से बचाने के लिए यह योजना शुरू की थी, ताकि हर बच्चे को स्कूल में पौष्टिक भोजन मिल सके। लेकिन भाजपा सरकार के कार्यकाल में यह योजना भ्रष्टाचार, घटिया गुणवत्ता और घटते बजट की भेंट चढ़ गई है। सिंगरौली ज़िले में एक चम्मच 800 रुपये में खरीदा गया, जबकि श्योपुर ज़िले में बच्चों को रद्दी पेपर पर भोजन दिया जा रहा है। मध्य प्रदेश के 88,299 स्कूलों में 60.24 लाख बच्चों को मिड डे मील देने की योजना है, लेकिन औसतन 25% बच्चों को अब भी खाना नहीं मिल पाता।
वित्त वर्ष 2025-26 में केंद्र सरकार ने इस योजना के लिए 757.54 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया था, लेकिन 8 महीने बीत जाने के बाद भी केवल 174.28 करोड़ रुपये ही जारी किए गए हैं। इसके विपरीत, चुनावी राज्य बिहार को 1530 करोड़ रुपये का आवंटन मिला और 516 करोड़ रुपये दे दिए गए। भाजपा के राज में भ्रष्टाचार की थाली बन गई है। कैग रिपोर्ट के अनुसार, 8 जिलों में पोषण आहार योजना में ₹500 करोड़ का घोटाला सामने आया।
रॉ मटेरियल से लेकर वितरण तक हर स्तर पर अनियमितताएँ पाई गईं, लेकिन कांग्रेस द्वारा लोकायुक्त में शिकायत किए जाने के बाद भी सरकार ने दोषियों पर कोई कार्रवाई नहीं की।

