उत्तर प्रदेश में सर्दी और प्रदूषण की स्थिति गंभीर

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में मौसम तेजी से बदल रहा है। पछुआ हवाओं के प्रभाव से ठंड बढ़ गई है, जिससे सुबह और शाम की ठिठुरन बढ़ी है। दिल्ली से सटे जिलों में वायु प्रदूषण एक गंभीर चिंता का विषय बन गया है, जहां हवा की गुणवत्ता ‘hazardous’ श्रेणी में पहुंच गई है। मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों में तापमान में और गिरावट का अनुमान लगाया है। पछुआ हवाओं के कारण ठंड बढ़ रही है, जिससे रात का तापमान लगातार गिर रहा है।

पिछले 24 घंटों में इटावा प्रदेश का सबसे ठंडा जिला रहा, जहां न्यूनतम तापमान सामान्य से 6.3 डिग्री गिरकर 8.4 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया। यह इस सीजन की सबसे बड़ी गिरावट मानी जा रही है। कानपुर नगर में न्यूनतम तापमान 10.0 डिग्री, बरेली में 11.1 डिग्री और प्रयागराज में 12.0 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, अगले 48 घंटों में न्यूनतम तापमान में 2-3 डिग्री सेल्सियस की और गिरावट आ सकती है, जिससे ठंड का प्रकोप बढ़ेगा।

दिल्ली से सटे शहरों में प्रदूषण का ‘रेड अलर्ट’ सर्दी के साथ ही यूपी के शहरों में प्रदूषण का स्तर खतरनाक हो गया है। गाजियाबाद, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, मेरठ और हापुड़ जैसे शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 300 के पार चला गया है, जो ‘hazardous’ श्रेणी में आता है। सोमवार सुबह के आंकड़ों के अनुसार, गाजियाबाद के लोनी में AQI 360, नोएडा सेक्टर 62 में 342, ग्रेटर नोएडा के नॉलेज पार्क में 316, मेरठ के पल्लवपुरम में 329 और हापुड़ में 321 दर्ज किया गया। इस हवा में सांस लेना स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक है।

मौसम विभाग ने अनुमान जताया है कि 15 नवंबर तक प्रदेश भर में मौसम शुष्क बना रहेगा। इस दौरान बारिश या कोहरे की कोई संभावना नहीं है। हालांकि, पड़ोसी राज्यों मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और झारखंड में 10-11 नवंबर के दौरान शीतलहर की संभावना है, जिसका अप्रत्यक्ष असर उत्तर प्रदेश के तापमान पर भी पड़ सकता है। फिलहाल, अगले एक हफ्ते तक मौसम में कोई बड़ा बदलाव होने की उम्मीद नहीं है, लेकिन ठंड का असर धीरे-धीरे बढ़ता जाएगा।

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Vikram Singh Bhati is author of Niharika Times web portal
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