भाजपा के नए बिहार अध्यक्ष सम्राट चौधरी से कोई मतभेद नहीं : उपेंद्र कुशवाहा

Sabal SIngh Bhati
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पटना, 29 मार्च ()। राष्ट्रीय लोक जनता दल (आरएलजेडी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने मंगलवार को कहा कि भाजपा के नवनियुक्त बिहार अध्यक्ष सम्राट चौधरी से उनका कोई मतभेद नहीं है।

उन्होंने यहां एक कार्यक्रम में अपने संबोधन के दौरान कहा, मैं सम्राट अशोक से वादा करना चाहता हूं कि मुझे सम्राट चौधरी से कोई दिक्कत नहीं है। उनसे कोई मतभेद नहीं है। हम 21वीं सदी के नेता हैं, 19वीं सदी के नहीं। बिहार में फिर से जंगलराज न आए, इसके लिए हम मिलकर काम करेंगे। नीतीश कुमार राजद की गोद में बैठे हैं और बिहार में फिर से जंगलराज लाने की सोच रहे हैं।

सम्राट चौधरी कुशवाहा समुदाय से आते हैं और भाजपा ने उन्हें समुदाय पर अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए राज्य अध्यक्ष बनाया है। कुशवाहा भी इस समुदाय के एक प्रमुख नेता हैं और चौधरी की मौजूदगी उनका मूल्य घटा सकती है।

कुशवाहा जदयू से केवल एक उद्देश्य के लिए अलग हुए थे, ताकि भविष्य में लोकसभा चुनाव 2024 और विधानसभा चुनाव 2025 के दौरान कोई स्थिति उत्पन्न होने पर भाजपा के साथ अपनी सौदेबाजी की शक्ति को मजबूत कर सकें।

सम्राट चौधरी की नियुक्ति के बाद भाजपा ने एक तीर से दो निशाने साधे हैं। पहला है नीतीश कुमार के लव (कुर्मी)-कुश (कुशवाहा) समीकरण को चोट पहुंचाना और दूसरा सामुदायिक समर्थन पाने के लिए निर्दलीय हो जाना। वह बिहार में किसी दूसरी राजनीतिक ताकत से समझौता नहीं करना चाहती।

कुशवाहा ने कहा, लोगों ने अफवाह फैलाई है कि मुझे सम्राट चौधरी से दिक्कत है। जिस तरह से बीजेपी ने उन्हें पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया है, जदयू में कुछ भी नहीं बचा है। मेरे पार्टी छोड़ने के बाद यह एक खाली डिब्बा बन गया है।

उन्होंने यह भी कहा कि नीतीश कुमार के साथ जाकर उन्होंने अतीत में गलती की थी और साथ ही वादा किया था कि वह भविष्य में ऐसी गलती नहीं करेंगे.

उन्होंने पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया था कि उनकी जदयू खोखली होती जा रही है।

उन्होंने कहा, नीतीश जी हमेशा भ्रष्टाचार पर मुखर थे, लेकिन अब वे चुप हैं। भ्रष्टाचार पर चुप क्यों हैं?

यह पूछे जाने पर कि क्या नीतीश कुमार 2024 के लोकसभा चुनाव में विपक्ष का पीएम चेहरा बनेंगे, कुशवाहा ने कहा : तेजस्वी यादव ने पहले ही कहा था कि न तो उनकी बिहार के मुख्यमंत्री बनने की महत्वाकांक्षा है और न ही नीतीश कुमार की प्रधानमंत्री बनने की इच्छा है। तेजस्वी को लोगों का फीडबैक मिला होगा और इसलिए उन्होंने ऐसा कहा था। जब नीतीश कुमार के आसपास के नेता कह रहे हैं कि वह प्रधानमंत्री नहीं बनेंगे, तो मैं क्या कहूंगा।

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