डिजिटल भुगतान के लिए यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह एक रियल टाइम डिजिटल पेमेंट सिस्टम है, जिसका इस्तेमाल वर्तमान में लाखों लोग कर रहे हैं। इसका विस्तार देश के बाहर भी हो रहा है। भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) प्लेटफार्म को सुलभ और सुविधाजनक बनाने के लिए अक्सर इसमें अपडेट करता रहता है। एक बार फिर यूपीआई से जुड़े नियमों में बदलाव किए गए हैं। सेटलमेंट प्रक्रिया को निर्बाध, कुशल और समय पर पूरा करने के लिए प्राधिकरण और विवाद निपटान को अलग-अलग करने का फैसला लिया गया है।
दो नए निपटान साइकिल जोड़े गए हैं। पहले यह नियम 3 नवंबर से प्रभावित होने वाला था, लेकिन अब इसकी तारीख को आगे बढ़ाकर 15 दिसंबर कर दी गई है। एनपीसीआई ने बैंकों को जल्द से जल्द इन बंदलावों के लिए सही व्यवस्था सुनिश्चित करने की सलाह दी गई है। यूपीआई सेटलमेंट पहले 10 चक्रों में होता था। जिसमें प्राधिकरण लेनदेन और विवाद दोनों शामिल थे। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। निपटान चक्र 1 से 10 तक केवल प्राधिकरण लेनदेन के लिए होगा। इस दौरान विवादों का निपटारा नहीं किया जाएगा।
विवादों का निपटान प्रतिदिन चक्र 11 और 12 में होगा, जिसे डीसी-1 और डीसी-2 नाम दिया गया है। इस दौरान प्राधिकरण लेन देन सेटलमेंट शामिल नहीं होंगे। एनपीसीआई के इस फैसले से रिफंड और सेटलमेंट पहले से तेज होगा। यूपीआई यूजर्स को फायदा होगा। 11वें निपटान चक्र का समय रात 12:00 बजे से लेकर शाम 4:00 बजे तक होगा। वहीं दूसरा साइकिल शाम 4:00 बजे से लेकर 12:00 बजे तक चलेगा। कट-ऑफ समय या आरटीजीएस पोस्टिंग समय सीमा में कोई बदलाव नहीं किया गया है। न ही एनपीसीआई ने अन्य निपटा नियम में कोई बदलाव नहीं किया है।
निपटान समय, रिपोर्ट प्राधिकरण और विवादों के लिए टीएटी, ग्राहक मुआवजा, एनपीसीआई अनुपालन दंड और एडीसी सीमाएं पहले की तरह ही रहेंगी।


