अमेरिका में काम कर रहे विदेशी कर्मचारियों, विशेषकर भारतीय पेशेवरों के लिए एक बड़ी चुनौती सामने आई है। अमेरिकी गृह सुरक्षा विभाग ने प्रवासी श्रमिकों के Employment Authorization Document (EAD) यानी वर्क परमिट के ऑटोमैटिक एक्सटेंशन की सुविधा को समाप्त कर दिया है। इस फैसले से हजारों भारतीयों समेत बड़ी संख्या में विदेशी पेशेवरों पर असर पड़ने की संभावना है, जो अमेरिका की माइग्रेंट वर्कफोर्स का अहम हिस्सा हैं। गृह सुरक्षा विभाग के अनुसार, 30 अक्टूबर 2025 या उसके बाद जो भी प्रवासी अपने EAD के नवीनीकरण के लिए आवेदन करेंगे, उन्हें अब ऑटोमैटिक एक्सटेंशन का लाभ नहीं मिलेगा।
इसका मतलब है कि उनकी फाइल मंजूर होने तक वर्क परमिट स्वतः नहीं बढ़ेगा। विभाग ने कहा है कि यह बदलाव सार्वजनिक सुरक्षा और राष्ट्रीय सुरक्षा के दृष्टिकोण से किया गया है ताकि हर आवेदन की गहराई से जांच की जा सके और किसी भी तरह की धोखाधड़ी या संदिग्ध गतिविधि से बचा जा सके।
बाइडेन सरकार का नियम रद्द ट्रंप प्रशासन द्वारा लागू किए गए इस नए फैसले से बाइडेन सरकार के उस नियम को पलट दिया गया है, जिसके तहत प्रवासियों को उनके वर्क परमिट की समाप्ति के बाद भी 540 दिनों तक काम जारी रखने की अनुमति दी जाती थी। यह सुविधा तभी मिलती थी जब आवेदन समय पर दाखिल किया गया हो और आवेदक की श्रेणी ‘ऑटोमैटिक रिन्यूअल’ के लिए पात्र हो। अब यह प्रावधान समाप्त कर दिया गया है। यूएससीआईएस (USCIS) निदेशक जोसेफ एडलो ने कहा कि अमेरिका में काम करना कोई अधिकार नहीं बल्कि एक विशेषाधिकार है।
यह बदलाव सुनिश्चित करेगा कि किसी भी विदेशी को रोजगार देने से पहले उसकी पूरी पृष्ठभूमि की जांच हो। उन्होंने आगे कहा कि इस प्रक्रिया से धोखाधड़ी रोकने और संभावित रूप से हानिकारक इरादे रखने वाले व्यक्तियों की पहचान में मदद मिलेगी। किन पर पड़ेगा असर? शरण (asylum) के लिए आवेदन करने वाले लोग H-1B व ग्रीन कार्ड धारकों के जीवनसाथी (H4) F-1 वीजा वाले छात्र, जो OPT (Optional Practical Training) के तहत काम करते हैं वहीं, स्थायी निवासियों (ग्रीन कार्ड धारकों), H-1B, L-1 और O-1 वीजा धारकों को इस दस्तावेज की जरूरत नहीं होती।
भारतीय पेशेवरों की एक बड़ी आबादी OPT और H-4 वर्क परमिट पर काम करती है, ऐसे में यह फैसला सीधे उन्हें प्रभावित करेगा। क्या होगा असर? नए नियम के बाद अब EAD रिन्यूअल के लिए आवेदन करने वालों को पहले की तरह 18 महीने का स्वतः विस्तार नहीं मिलेगा। यदि किसी का वर्क परमिट तय तारीख पर समाप्त हो जाता है और आवेदन की प्रक्रिया लंबी चलती है, तो उसे अस्थायी रूप से काम छोड़ना पड़ सकता है।
यूएससीआईएस ने सलाह दी है कि प्रवासी अपने वर्क परमिट का नवीनीकरण कम से कम 180 दिन पहले दाखिल करें, ताकि उनके रोजगार में रुकावट न आए। विभाग ने यह भी स्पष्ट किया है कि जिन लोगों के EAD पहले से ऑटोमैटिक रूप से बढ़ चुके हैं, उनके दस्तावेज प्रभावित नहीं होंगे। हालांकि, 30 अक्टूबर 2025 के बाद दायर किए गए सभी आवेदन नए नियमों के तहत आएंगे। सुरक्षा पर जोर DHS का कहना है कि अब हर आवेदन की जांच और पृष्ठभूमि सत्यापन अधिक बार होगा।
इससे ऐसे लोगों की पहचान आसान होगी, जिनके इरादे अमेरिकी समाज या सुरक्षा के लिए खतरा हो सकते हैं। सरकार का तर्क है कि सख्त जांच से आव्रजन प्रणाली अधिक पारदर्शी बनेगी और नागरिकों का भरोसा बढ़ेगा। तकनीकी, आईटी और हेल्थकेयर सेक्टर में काम कर रहे भारतीय प्रवासी इस नीति परिवर्तन से सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे। कई भारतीय कर्मचारी EAD एक्सटेंशन के सहारे ही अमेरिका में अपनी नौकरी जारी रखते हैं।


