उत्पन्ना एकादशी पर संतान गोपाल स्तोत्र का पाठ करें, बच्चों का भाग्य खुलेगा

vikram singh Bhati

हिंदू धर्म में एकादशी व्रत को अत्यंत पवित्र माना गया है। वर्षभर में 24 एकादशियां आती हैं, जिनमें उत्पन्ना एकादशी का विशेष स्थान है। कहा जाता है कि यह वही तिथि है जब भगवान विष्णु की दिव्य शक्ति एकादशी माता का प्राकट्य हुआ था। इस दिन व्रत रखने और भगवान विष्णु का पूजन करने से जीवन के सभी कष्ट दूर होते हैं। पौराणिक कथा के अनुसार, जब असुर मुर ने देवताओं को परास्त कर दिया था, तब भगवान विष्णु ने एकादशी देवी को उत्पन्न किया, जिन्होंने उस दानव का वध कर धर्म की रक्षा की।

तभी से इस दिन को ‘उत्पन्ना एकादशी’ कहा जाने लगा। उत्पन्ना एकादशी के दिन संतान गोपाल स्तोत्र का पाठ अत्यंत फलदायी माना जाता है। यह स्तोत्र भगवान श्रीकृष्ण के बाल रूप को समर्पित है। मान्यता है कि इस स्तोत्र के नियमित पाठ से संतान प्राप्ति की इच्छा रखने वाले दंपत्ति को संतान सुख की प्राप्ति होती है। पहले से जन्मे बच्चों की बुद्धि, स्वास्थ्य और भाग्य में वृद्धि होती है। परिवार में खुशहाली, प्रेम और सुख-शांति बनी रहती है। जो माता-पिता अपने बच्चों के उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हैं, उनके लिए यह स्तोत्र किसी वरदान से कम नहीं है।

इस दिन प्रातः स्नान करके भगवान विष्णु का ध्यान करें और व्रत का संकल्प लें। पूजा के दौरान तुलसी पत्र, पीले पुष्प, धूप-दीप और नैवेद्य अर्पित करें। रातभर जागरण और ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ मंत्र का जप करने से व्रत पूर्ण फल देता है। अगले दिन द्वादशी तिथि में ब्राह्मण या जरूरतमंद को भोजन कराकर व्रत का पारण करें। साफ वस्त्र पहनें और पूर्व दिशा की ओर मुख करके बैठें। भगवान श्रीकृष्ण के बाल रूप की तस्वीर या मूर्ति के सामने दीपक जलाएं। फूल, तुलसी पत्र और दूध से बने भोग का अर्पण करें।

अब संतान गोपाल स्तोत्र का श्रद्धापूर्वक पाठ करें। पाठ के बाद परिवार के सभी सदस्यों के कल्याण की प्रार्थना करें। इस दिन यदि कोई भक्त पूरी श्रद्धा से पाठ करता है तो उसके जीवन से संतान संबंधी बाधाएं दूर होती हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, उत्पन्ना एकादशी का व्रत चंद्रमा की एकादशी तिथि को आने वाले नकारात्मक प्रभावों को कम करता है। यह मानसिक शांति, आत्मबल और सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करता है। जो लोग ग्रहदोष या संतान सुख में विलंब का सामना कर रहे हैं, उन्हें इस दिन भगवान विष्णु और संतान गोपाल की आराधना करनी चाहिए।

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Vikram Singh Bhati is author of Niharika Times web portal