उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को सचिवालय में भ्रष्टाचार के खिलाफ राज्यव्यापी जनजागरूकता अभियान की शुरुआत की। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में राज्य सरकार जीरो टॉलरेंस नीति के साथ पूरी प्रतिबद्धता से कार्य कर रही है। उन्होंने बताया कि राज्य गठन के बाद से अब तक सतर्कता विभाग ने 339 भ्रष्ट अधिकारियों और कर्मचारियों को गिरफ्तार किया है, जबकि बीते तीन वर्षों में 78 भ्रष्टाचारियों और 27 से अधिक अन्य व्यक्तियों को पकड़ा गया है।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि शासन व्यवस्था को पारदर्शी और जवाबदेह बनाने के लिए टोल फ्री नंबर 1064 शुरू किया गया है। इस नंबर पर मिली 62 शिकायतों में ट्रैप कार्रवाई और चार में खुली जांच की गई है। उन्होंने कहा कि सरकार भ्रष्टाचार को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं करेगी। “जो भी भ्रष्टाचार करेगा, वह जेल जाएगा,” मुख्यमंत्री ने सख्त चेतावनी दी। उन्होंने सभी विभागों को निर्देश दिया कि वे इस जनजागरूकता अभियान को व्यापक स्तर पर प्रचारित करें ताकि जनता इसमें अधिक से अधिक भाग ले सके।
राज्य सरकार के तीन वर्षों में भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई लगातार तेज हुई है। सतर्कता विभाग अब तक 78 भ्रष्ट अधिकारियों को गिरफ्तार कर जेल भेज चुका है। इसी क्रम में “सतर्कता–हमारी साझा जिम्मेदारी” थीम पर नया जनजागरूकता अभियान शुरू किया गया है, जो 9 नवंबर तक चलेगा। मुख्यमंत्री धामी ने इस अवसर पर अधिकारियों और कर्मचारियों को सत्यनिष्ठा की शपथ भी दिलाई। मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने कार्यक्रम के दौरान कहा कि समाज और प्रशासन की मजबूती के लिए सभी कर्मियों में ईमानदारी, अनुशासन और सत्यनिष्ठा आवश्यक है।
उन्होंने कहा कि जब कार्य के प्रति जिम्मेदारी और अनुशासन होता है, तब भ्रष्टाचार अपने आप समाप्त हो जाता है। इस अवसर पर पुलिस महानिदेशक दीपम सेठ, प्रमुख सचिव एल. फैनई, निदेशक सतर्कता वी. मुरुगेशन सहित कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह मुहिम केवल सरकारी पहल नहीं, बल्कि जनता की भागीदारी से ही सफल होगी। उन्होंने जनता से अपील की कि वे किसी भी भ्रष्ट गतिविधि की सूचना तुरंत सतर्कता विभाग को दें ताकि राज्य को भ्रष्टाचारमुक्त बनाया जा सके।


