उत्तराखंड ने वित्तीय प्रबंधन में महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की

vikram singh Bhati

उत्तराखंड ने वित्तीय प्रबंधन के क्षेत्र में बड़ी उपलब्धि हासिल की है। अरुण जेटली राष्ट्रीय वित्तीय प्रबंधन संस्थान (एजेएनआईएफएम) द्वारा जारी सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन सूचकांक 2023-24 में राज्य को देश के श्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले राज्यों में शामिल किया गया है। हिमालयी राज्यों की श्रेणी में अरुणाचल प्रदेश पहले, उत्तराखंड दूसरे और मेघालय तीसरे स्थान पर रहा है। यह रिपोर्ट देश के सभी राज्यों की वित्तीय अनुशासन, राजकोषीय नीति और सार्वजनिक व्यय प्रबंधन पर आधारित है।

वित्तीय प्रबंधन में उत्तराखंड को दूसरा स्थान एजेएनआईएफएम, जो केंद्र सरकार के वित्त मंत्रालय के अधीन एक प्रमुख संस्थान है, हर साल राज्यों के वित्तीय प्रदर्शन का आकलन करता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि उत्तराखंड ने वित्तीय वर्ष 2023-24 में वित्तीय अनुशासन, राजकोषीय समायोजन और संसाधन प्रबंधन में उल्लेखनीय सुधार किया है। राज्य ने न केवल अपने राजस्व स्रोतों को सशक्त किया, बल्कि विकास और सामाजिक क्षेत्र में भी संतुलित निवेश किया है। रिपोर्ट के अनुसार, उत्तराखंड की जीएसडीपी 3,32,998 करोड़ रुपये तक पहुंच गई है, जिसमें 14 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है।

राज्य की प्रति व्यक्ति आय 2,46,178 रुपये बताई गई है। शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे प्राथमिक क्षेत्रों पर कुल खर्च का 18 प्रतिशत किया गया है, जिससे सामाजिक विकास को बढ़ावा मिला है। उत्तराखंड ने कोविड-19 महामारी से पहले वित्तीय वर्ष 2020 में अपने कुल राजस्व का आधे से अधिक हिस्सा अपने संसाधनों से जुटाया था, और तब से यह अनुपात लगातार बढ़ रहा है। राज्य के कर राजस्व पर भी दिख रहा असर वित्तीय अनुशासन की इस मजबूती का असर राज्य के कर राजस्व पर भी स्पष्ट रूप से दिख रहा है।

रिपोर्ट बताती है कि वित्तीय वर्ष 2020 से राज्य का कर राजस्व 14 प्रतिशत की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (CAGR) से बढ़ा है। इसमें जीएसटी से 14 प्रतिशत, पेट्रोलियम और शराब पर 9 प्रतिशत, स्टांप एवं पंजीकरण शुल्क से 23 प्रतिशत, जबकि राज्य उत्पाद शुल्क में 10 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। विशेषज्ञों का मानना है कि उत्तराखंड का यह प्रदर्शन मजबूत वित्तीय नीतियों, पारदर्शी प्रशासन और बेहतर राजकोषीय अनुशासन का परिणाम है।

सरकार द्वारा कर संग्रह व्यवस्था को डिजिटल प्लेटफॉर्म से जोड़ने और स्थानीय संसाधनों से राजस्व बढ़ाने की दिशा में किए गए कदमों ने राज्य की वित्तीय स्थिति को सुदृढ़ बनाया है।

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Vikram Singh Bhati is author of Niharika Times web portal