उत्तराखंड में पर्यटन और तीर्थाटन का अभूतपूर्व विकास

vikram singh Bhati

उत्तराखंड में पर्यटन और तीर्थाटन को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सरकार के लगातार प्रयास अब रंग लाने लगे हैं। बीते तीन वर्षों में राज्य में 23 करोड़ से अधिक पर्यटक पहुंचे हैं, जिससे राज्य की अर्थव्यवस्था को नई गति मिली है। पर्यटन से जुड़े होटल, होम स्टे, ढाबा संचालकों, परिवहन व्यवसायियों और महिला स्वयं सहायता समूहों की आजीविका को भी इसका सीधा लाभ हुआ है। सरकार का कहना है कि यह उपलब्धि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समर्थन और राज्य सरकार की नीतिगत पहलों का परिणाम है। धामी सरकार की मेहनत रंग लाई।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि पर्यटन उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और इसका लाभ सबसे अधिक स्थानीय लोगों को मिलता है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार का लक्ष्य है कि उत्तराखंड में पूरे वर्ष पर्यटन और तीर्थाटन गतिविधियां जारी रहें। धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के लगातार दौरों और धार्मिक स्थलों के विकास कार्यों से राज्य में तीर्थाटन को नई पहचान मिली है, जिससे श्रद्धालुओं और पर्यटकों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। पर्यटन विभाग के ताजा आंकड़ों के अनुसार, बीते तीन सालों में 23 करोड़ से अधिक पर्यटकों ने उत्तराखंड का रुख किया।

राज्य का पर्यटन अब केवल चुनिंदा हिल स्टेशनों तक सीमित नहीं रहा, बल्कि छोटे और दूरस्थ इलाकों में भी पर्यटक पहुंचने लगे हैं। साहसिक पर्यटन के क्षेत्र में भी राज्य तेजी से उभर रहा है। राफ्टिंग, ट्रेकिंग, बंजी जंपिंग और पर्वतारोहण जैसी गतिविधियों में देशी-विदेशी पर्यटकों की संख्या लगातार बढ़ रही है, जिससे राज्य में रोजगार के नए अवसर बने हैं। प्रदेश सरकार दे रही विशेष ध्यान। वर्तमान में राज्य में 6,000 से अधिक होम स्टे संचालक सक्रिय हैं, जो बढ़ते पर्यटन से सीधे लाभान्वित हो रहे हैं।

इसके अलावा होटल, रेस्टोरेंट, टैक्सी सेवाएं और महिला स्वयं सहायता समूहों को भी स्थायी आय का स्रोत मिला है। प्रदेश सरकार पर्यटन अवसंरचना के विकास, बेहतर सड़क संपर्क और पर्यटकों की सुरक्षा पर विशेष ध्यान दे रही है, ताकि अधिक से अधिक लोग उत्तराखंड की प्राकृतिक सुंदरता और सांस्कृतिक विरासत से जुड़ सकें। तीर्थाटन के क्षेत्र में भी राज्य ने नया कीर्तिमान स्थापित किया है। इस वर्ष अब तक चारधाम यात्रा में लगभग 50 लाख श्रद्धालु पहुंचे हैं। केवल केदारनाथ और यमुनोत्री पैदल मार्गों पर ही 4,300 से अधिक घोड़े-खच्चर संचालकों ने अपनी सेवाएं दी हैं।

सरकार अब शीतकालीन यात्रा को भी बढ़ावा दे रही है, ताकि पूरे साल तीर्थाटन गतिविधियां जारी रहें। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आदि कैलाश यात्रा के बाद पिथौरागढ़ जैसे सीमांत क्षेत्रों में भी पर्यटन और तीर्थाटन तेजी से बढ़ा है, जिससे उत्तराखंड पर्यटन का नया अध्याय लिख रहा है।

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Vikram Singh Bhati is author of Niharika Times web portal