नई दिल्ली। चुनाव आयोग ने बिहार के बाद देशभर में भी वोटर लिस्ट के शुद्धिकरण और अपडेशन के लिए विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) कराने का आदेश दिया है। मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को तुरंत तैयारी पूरी करने का निर्देश दिया है। एसआईआर की शुरुआत उन्हीं राज्यों से की जाएगी, जहां 2026 में विधानसभा चुनाव होने हैं, जैसे पश्चिम बंगाल, असम, केरल, तमिलनाडु और पुडुचेरी। हालांकि एसआईआर के पहले चरण में कुछ अन्य राज्यों को भी शामिल किया जा सकता है।
दो दिन चली दिल्ली में बैठक एसआईआर की तैयारी को लेकर निर्वाचन आयोग ने दिल्ली में दो दिवसीय बैठक की। बैठक का मकसद पूरे देश में एकसाथ या चरणबद्ध तरीके से एसआईआर अभियान का खाका तैयार करना था। वहीं बैठक में देशभर के राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों ने अपनी-अपनी प्रगति रिपोर्ट पेश की। आयोग ने मतदाता सूची में पुराने और नए नामों के मिलान की प्रगति की समीक्षा की।
ताकि और पारदर्शी हो चुनाव चुनाव आयोग का मकसद है कि आने वाले चुनावों में डुप्लीकेट और फर्जी वोटर लिस्ट से पूरी तरह छुटकारा मिले, ताकि मतदान प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी और भरोसेमंद बनाया जा सके। यह बैठक 10 सितंबर को आयोजित एसआईआर तैयारियों के पिछले सम्मेलन का अनुवर्ती था, जिसमें सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों ने अपने-अपने क्षेत्रों में मतदाताओं की संख्या, अंतिम एसआईआर की योग्यता तिथि और अंतिम पूर्ण एसआईआर के अनुसार मतदाता सूची पर विस्तृत प्रस्तुति दी थी।
चार-पांच दिनों में घोषणा चुनाव आयोग के सूत्रों ने संकेत दिया कि पूरे देश के स्तर पर एसआईआर की समय.सीमा एक-दो दिन में तय हो जाएगी और उसके बाद चार-पांच दिनों में इसकी घोषणा कर दी जाएगी। उन्होंने बताया कि पहचानए उम्र और नागरिकता के प्रमाण के तौर पर स्वीकार किए जाने वाले दस्तावेजों की सूची कमोबेश बिहार जैसी ही रहेगी, हालांकि किसी राज्य/केंद्र शासित प्रदेश के विशिष्ट दस्तावेजों पर विचार किया जा सकता है।


