सांगोद। ग्राम पंचायत अमृतकुआं के भनग्याखेड़ी गांव की 3 किलोमीटर लंबी सम्पर्क सड़क आजादी के 78 साल बाद भी कच्ची है। ग्रामीणों का कहना है कि पंचायत और लोकसभा चुनावों के कई कार्यकाल बीत चुके हैं, लेकिन सड़क अब तक नहीं बन पाई है। इतने वर्षों बाद भी सड़क का न बनना सरकार की विफलता को दर्शाता है। ग्रामीण वर्षों से कच्ची सड़क की समस्या से जूझ रहे हैं।
हर चुनाव में सरकार के प्रतिनिधियों द्वारा सड़क बनाने का वादा किया जाता है, लेकिन चुनाव के बाद न तो सत्ताधारी दल गांव तक पहुंच पाता है और न ही सड़क का निर्माण होता है। कई बार ग्रामीणों ने इस समस्या के बारे में लिखित में अवगत कराया है, फिर भी सड़क निर्माण की कोई उम्मीद नहीं दिख रही है। ग्रामीणों का कहना है कि पंचायती राज चुनाव नजदीक हैं, और फिर से उन्हें सड़क बनाने के सपने दिखाकर वोट बटोर लिए जाएंगे। यह सड़क न तो भाजपा के शासन में बनी और न ही कांग्रेस के शासन में।
बारिश के दौरान कच्ची सड़क पर चलना मुश्किल हो जाता है, जिससे पंचायत, तहसील और जिला मुख्यालय तक पहुंचना कठिन हो जाता है। ग्रामीणों को अब भी पक्की सड़क का इंतजार है। – रघुनंदन मीणा, ग्रामीण। कच्ची सड़क से आने-जाने में कठिनाई होती है। बारिश में बीमार होने या प्रसव पीड़ा होने पर कच्ची सड़क से गुजरना चुनौती बन जाता है। – अचल मीणा, ग्रामीण। यह सड़क 3 किलोमीटर लंबी है और इसके लिए कई बार लिखित शिकायतें की जा चुकी हैं, लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई है। – दिनेश मीणा, ग्रामीण।
उनका कहना है कि जनसंख्या के अनुरूप सड़क निर्माण के मानक पूरे नहीं हो पा रहे हैं। लोकसभा अध्यक्ष और ऊर्जा मंत्री को इस बारे में अवगत करा दिया गया है। जल्दी निर्माण कार्य शुरू होगा। – जयवीर सिंह, प्रशासक। सड़क का सर्वे हो चुका है और गांव को गुरायता सारोला संपर्क सड़क से जोड़ा जाएगा। – महावीर सिंह, भाजपा जनप्रतिनिधि।