सेना प्रमुख ने बताया युद्ध के नए रूप और चुनौतियाँ

vikram singh Bhati

सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा कि युद्ध अब तेजी से ‘गैर-गतिज और गैर-संपर्क’ रूप ले रहा है। शुक्रवार को मनकेश्वर सेंटर में सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने यह बात कही। युद्ध अब फाइबर केबल्स, स्क्रीन्स, वॉलेट्स और क्लासरूम्स में प्रवाहित हो रहा है। इसके जवाब में सिर्फ हथियारों की ताकत ही काफी नहीं, बल्कि बौद्धिक, तकनीकी और नैतिक तैयारी भी जरूरी है। पारंपरिक प्रतिद्वंद्विता, आतंकवाद, प्रॉक्सी वॉर और डिसइन्फॉर्मेशन कैंपेन जैसे खतरे बने हुए हैं।

चाणक्य के उपदेश का हवाला देते हुए जनरल द्विवेदी ने कहा कि उभरती शक्तियां हमेशा प्रतिस्पर्धी गठबंधन को जन्म देती हैं। भारत की युवा आबादी, तकनीकी परिवर्तन और रणनीतिक भूगोल हमारे अवसर हैं, लेकिन चुनौतियां भी उतनी ही बड़ी हैं। राष्ट्र सुरक्षा में योगदान देने की अपील करते हुए उन्होंने युवाओं से कहा कि वे लैब्स, इंडस्ट्री, स्टार्टअप्स और सोशल मीडिया के जरिए राष्ट्र सुरक्षा में योगदान दें। सेना ने इसके लिए 16 टेक्नोलॉजी क्लस्टर्स शुरू किए हैं और 2025 में पेड इंटर्नशिप प्रोग्राम भी शुरू किया है। चाणक्य डिफेंस डायलॉग 2025 नवंबर में ‘रिफॉर्म टू ट्रांसफॉर्म’ थीम पर होगा。

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Vikram Singh Bhati is author of Niharika Times web portal