दिल्ली-एनसीआर सहित 10 राज्यों में बारिश का पूर्वानुमान

Tina Chouhan

IMD मौसम पूर्वानुमान 08 अक्टूबर 2025: मौसम की पहली बर्फबारी के बाद भारत के कई हिस्सों में 8 अक्टूबर को मौसम में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा। उत्तर-पश्चिम भारत में बारिश का दौर जारी रहने की संभावना है, जबकि अन्य क्षेत्रों से मानसून की वापसी हो रही है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के आल इंडिया वेदर समरी एंड फोरकास्ट बुलेटिन के मुताबिक, दिल्ली-एनसीआर में बादल छाए रहने की उम्मीद है। मंगलवार को हुई बारिश के बाद 8 अक्टूबर से मौसम में सुधार होगा और दिन का तापमान 31 से 33°C के बीच रहने की संभावना है।

उत्तर प्रदेश में तेज बारिश तो बिहार में चलेंगी हवाएं। उत्तर प्रदेश के कई जिलों में भारी बारिश और आंधी की संभावना है। हालांकि, सप्ताह के अंत तक आसमान साफ होने की उम्मीद है। वहीं, पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब और हरियाणा के कई क्षेत्रों में भी बारिश जारी रह सकती है। पहाड़ी इलाकों में भूस्खलन का खतरा हो सकता है। राजस्थान के कुछ इलाकों में बारिश हो सकती है। उधर, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल में चक्रवाती तूफान ‘शक्ति’ के कारण बारिश और तेज हवाएं चल सकती हैं।

इन राज्यों में मानसून की वापसी संभव है। गुजरात, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों से दक्षिण-पश्चिम मानसून की वापसी के लिए परिस्थितियां अनुकूल हैं। लक्षद्वीप में हल्की बारिश की उम्मीद है। अंडमान-निकोबार में मध्यम बौछारें पड़ने की संभावना है। असम और मेघालय, तटीय कर्नाटक, केरल और माहे, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा, रायलसीमा, दक्षिण आंतरिक कर्नाटक और तमिलनाडु, पुडुचेरी और कराईकल में अलग-अलग स्थानों पर भारी वर्षा की संभावना है।

मौसम विभाग ने पश्चिम-मध्य और उत्तर-पश्चिम अरब सागर में मछुआरों को समुद्र में न जाने की सलाह दी है, क्योंकि यहां ऊंची लहरें और तेज हवाओं का खतरा है। गरज के साथ बौछारें पड़ने की संभावना दक्षिण आंतरिक कर्नाटक में अलग-अलग स्थानों पर बिजली और तेज़ हवाओं के साथ गरज के साथ बौछारें पड़ने की संभावना है। तटीय कर्नाटक, गंगीय पश्चिम बंगाल, केरल और माहे और उत्तरी आंतरिक कर्नाटक में अलग-अलग स्थानों पर बिजली और तेज़ हवाओं (30-40 किमी प्रति घंटे) के साथ बौछारें पड़ने की संभावना है।

ओमान तटों और उसके आसपास, पश्चिम-मध्य और उत्तर-पश्चिम अरब सागर के कुछ हिस्सों में 40-50 किमी प्रति घंटे से लेकर 60 किमी प्रति घंटे की गति तक की हवा चलने की संभावना है।

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