यौन शोषण मामला: डब्ल्यूएफआई प्रमुख बृज भूषण शरण सिंह को पूछताछ के लिए अभी तक नहीं बुलाया गया

Jaswant singh
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शेखर सिंह

नई दिल्ली, 6 मई ()। दिल्ली पुलिस भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृज भूषण शरण सिंह से उनके खिलाफ दर्ज दो एफआईआर के मामले में अब तक पूछताछ नहीं कर पायी है। दोनों एफआईआर 21 अप्रैल को दर्ज की गयी थीं और ये गंभीर अपराधों से सम्बंधित हैं जिसमेँ बच्चों के खिलाफ यौन अपराध से सुरक्षा (पोक्सो) कानून शामिल है।

सूत्रों के अनुसार 14 दिन पहले दर्ज की गयी एफआईआर के बावजूद पुलिस ने अभी तक बृज भूषण को नहीं बुलाया है।

एक सूत्र ने कहा, हमने सात पहलवानों के बयान दर्ज कर लिए हैं और बृज भूषण को जल्द ही समन भेजा जाएगा।

पुलिस के अनुसार उनके खिलाफ दर्ज मामलों में से एक आईपीसी की धारा 354 (महिला की लज्जा भंग करने के इरादे से उस पर हमला या आपराधिक बल प्रयोग), 354 ए (यौन शोषण )और 354डी (पीछा करना) से सम्बंधित है जबकि दूसरा पोक्सो कानून की धारा 10 से सम्बंधित है।

कानून क्या कहता है

बृज भूषण की गिरफ्तारी की मांग तीन गैर जमानती और गंभीर अपराधों से सम्बंधित है, कानूनी प्रावधान और सुप्रीम कोर्ट का निर्देश मामले में स्पष्टता प्रदान करता है।

आईपीसी की धारा 41ए और शीर्ष अदालत के विभिन्न निर्णयों के अनुसार, यदि अपराध के लिए निर्धारित अधिकतम सजा सात साल से कम है तो आरोपी की गिरफ्तारी अनिवार्य नहीं है।

सुप्रीम कोर्ट के वकील विनीत जिंदल ने कहा कि गिरफ्तारी का फैसला पूरी तरह से पुलिस अधिकारियों के पास है। हालांकि, गंभीर अपराधों से जुड़े मामलों में, आमतौर पर गिरफ्तारी करने का मानदंड माना जाता है। जिंदल ने कहा, विशेष रूप से, पोक्सो अधिनियम के तहत अपराधों को गैर-जमानती के रूप में वगीर्कृत किया गया है। इसलिए, यदि वैध जांच की आवश्यकता है, तो परिणामी कार्रवाई के रूप में गिरफ्तारी की संभावना अधिक है।

सुप्रीम कोर्ट के अन्य वकील रूद्र विक्रम सिंह ने कहा,चूंकि बृज भूषण की गिरफ्तारी में देरी हो रही है, यह मामले में प्रारंभिक जांच के कारण है।

रूद्र विक्रम सिंह ने कहा,चूंकि पोक्सो अधिनियम के तहत अपराध और कथित रूप से किए गए अन्य कृत्यों में सात साल तक की सजा होती है, इसलिए इन परिस्थितियों में, जांच अधिकारी धारा 41 और सीआरपीसी की धारा 41-ए के प्रावधानों के अनुपालन का पालन कर सकता है, जैसा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा प्रदान किया गया है। अमरेश कुमार बनाम बिहार राज्य मामले में अगर सिंह जांच में जांच अधिकारी के साथ सहयोग नहीं करते हैं, तो पुलिस उन्हें गिरफ्तार कर सकती है।

पहलवानों की मांग क्या है

इससे पहले, बृज भूषण के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोप लगाने वाली तीन महिला पहलवानों की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा कार्यवाही बंद करने के बाद, ओलंपिक पदक विजेता साक्षी मलिक ने कहा, यह ठीक है, और वे वरिष्ठों के साथ परामर्श के बाद भविष्य की कार्रवाई का फैसला करेंगे।

30 वर्षीय पहलवान ने से कहा,यह ठीक है, हम सर्वोच्च न्यायालय का सम्मान करते हैं। उनका काम केवल प्राथमिकी दर्ज करना है। कोई भी अदालत किसी को गिरफ्तार करने के लिए नहीं कह सकती है। हम अपने विरोध पर अड़े हुए हैं और यह तब तक चलेगा जब तक हमें न्याय नहीं मिल जाता।

पहले हमारी लड़कियों के 164 सीआरपीसी के तहत मजिस्ट्रेट के सामने बयान दर्ज किए जाएं। वह अभी तक नहीं किया गया है। हम इसके लिए इंतजार कर रहे हैं, उसके बाद हम देखेंगे कि इस संबंध में क्या करने की जरूरत है।

आरआर

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Jaswant singh Harsani is news editor of a niharika times news platform