नई दिल्ली/हरिद्वार, 30 मई ()। साक्षी मलिक, विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया सहित कई आंदोलनकारी पहलवानों ने भारतीय किसान यूनियन के प्रमुख और बालियान खाप के प्रमुख नरेश टिकैत को अपने मेडल सौंपे, जो उन्हें गंगा में मेडल बहाने से रोकने के लिए हरिद्वार के हर की पौड़ी पहुंचे थे।
आंदोलनकारी पहलवानों ने भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है। सिंह की गिरफ्तारी की मांग पूरी न किए जाने के विरोध में वे अपने मेडल गंगा में बहाने हरिद्वार पहुंचे।
पहलवानों के साथ टिकैत ने अब सरकार को उनकी मांगें पूरी करने के लिए पांच दिन का समय दिया है, जिसमें विफल रहने पर पहलवान अपने मेडल गंगा में डुबाने के अपने फैसले पर आगे बढ़ेंगे।
हर की पौड़ी पर बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा हुए और उन्होंने विश्व चैंपियनशिप और ओलंपिक मेडल लेकर पहुंचे पहलवानों का मार्मिक विरोध प्रदर्शन देखा।
दिल्ली में जंतर मंतर के पास रविवार को सड़क पर घसीटे जाने के बाद आठ घंटे हिरासत में रखे जाने और धरना स्थल पर टंगे तिरपाल, चटाई, बिस्तर सहित सारा सामान हटा लिए जाने के कारण भावुक दिख रहीं साक्षी, विनेश और विनेश की चचेरी बहन संगीता को उनके पतियों ने सांत्वना दी। उनके कई समर्थकों ने घाट पर सुरक्षा घेरा बना लिया।
इससे पहले, हर की पौड़ी पहुंचने के बाद पहलवान लगभग 20 मिनट तक मौन खड़े रहे। इसके बाद वे हाथों में मेडल लेकर गंगा के तट पर बैठ गए। उस समय उनके हाव-भाव गहन व्यथा को दर्शा रहे थे।
पहलवानों ने यह भी घोषणा की है कि मेडल विसर्जन के बाद वे दिल्ली जाकर इंडिया गेट पर भूख हड़ताल करेंगी, लेकिन दिल्ली पुलिस के सूत्रों ने कहा कि उन्हें राष्ट्रीय स्मारक पर प्रदर्शन करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
एक पुलिस सूत्र ने कहा, अभी तक पहलवानों से कोई औपचारिक अनुरोध प्राप्त नहीं हुआ है। किसी भी प्रदर्शन के लिए आगे बढ़ने से पहले पहलवानों को संबंधित पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) को एक लिखित अनुरोध पत्र देने के प्रोटोकॉल का पालन करना होगा। उनके अनुरोध के बारे में स्थापित दिशानिर्देशों और प्रक्रियाओं के आधार पर निर्णय लिया जाएगा।
सूत्र ने कहा, इंडिया गेट एक विरोध स्थल नहीं है और पुलिस पहलवानों को वहां विरोध करने की अनुमति नहीं देगी। हम विरोध के लिए रामलीला मैदान और बुराड़ी सहित वैकल्पिक स्थल का सुझाव देंगे।