नई दिल्ली। आतंकवादी गतिविधियों के लिए धन मुहैया कराने के आरोप में आजीवन कारावास की सजा भुगत रहे जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट-जेकेएलफ के आतंकवादी यासीन मलिक के हलफनामे पर मचे राजनीतिक घमासान के बीच कांग्रेस ने इसे राजनीतिक मुद्दा बनाने को भाजपा की हताशा करार दिया और कहा कि ऐसा कर वह वोट चोरी से ध्यान भटकाने का प्रयास कर रही है।
हलफनामे में कथितरूप से दावा किया गया है कि उसने 2006 में पाकिस्तान जाकर लश्कर-ए-तैयबा सरगना और 26/11 हमलों के मास्टरमाइंड हाफिज सईद से आईबी के विशेष निदेशक वीके जोशी के कहने पर मुलाकात की थी और वापसी पर तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने उससे मिलकर ‘थैंक्यू ‘कहा था। इसके बाद भाजपा ने कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि यह राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरनाक है और इससे साफ है कि सरकार पिछले दरवाजे से डीलिंग करा रही थी।
कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने भाजपा के सवालों का जवाब देते हुए इसे वोट चोरी से ध्यान भटकाने का टूलकिट करार दिया और कहा कि भाजपा डॉ. मनमोहन सिंह और उनकी सरकार छवि को बदनाम करने के लिए मलिक के हलफनामे के कुछ हिस्सों को लीक कर रही है। उनका कहना था कि यदि यह शांति की कोशिश थी और इस दावे के अनुसार डॉ. सिंह ऐसे व्यक्ति को शिष्टाचार दिखाते हैं तो यह आश्चर्य की बात नहीं है।
उन्होंने कहा “सच में चौंकाने वाली बातें यह हैं कि 2011 में आरएसएस ने यासिन मलिक से क्यों मुलाकात की जबकि उस समय भाजपा सत्ता में भी नहीं थी। भाजपा आरएसएस से जुड़े थिंक-टैंक, विवेकानंद फाउंडेशन के नेतृत्व ने यासिन मलिक से क्यों बातचीत की और क्या यह सच है कि वाजपेयी काल में मलिक को किसी मध्यस्थ के ज़रिए धीरूभाई अंबानी से फोन पर बात करवाई गई थी।


