बाड़मेर जिले में मादक पदार्थों की तस्करी से जुड़ा एक बड़ा मामला सामने आया है। एएनटीएफ (एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स) ने 50 हजार रुपए के इनामी और कई राज्यों में वांटेड शातिर तस्कर को उसकी ही गर्लफ्रेंड की सूचना पर गिरफ्तार किया। आरोपी कौशलाराम गैंग का सक्रिय सदस्य बताया जा रहा है, जिस पर 8–10 गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं। आईजी विकास कुमार के अनुसार आरोपी का नाम हेमरतन उर्फ हेमाराम उर्फ हेमला पुत्र कमलेश, निवासी सऊओं की ढाणी, भोजासर बायतु (जिला बालोतरा) है। पुलिस के मुताबिक, आरोपी की गर्लफ्रेंड उससे पैसों को लेकर विवाद के कारण नाराज थी।
इसी दौरान उसने पुलिस को सूचना दी कि वह आरोपी को बुलवाकर पकड़वा सकती है। एएनटीएफ टीम ने तुरंत रणनीति बनाकर जाल बिछाया, और गर्लफ्रेंड के सहयोग से इस ऑपरेशन को सफल बनाया गया। आरोपी हेमरतन अपने साथियों के साथ जैसलमेर के धोरों में पार्टी करने जा रहा था। इसी बीच उसकी गर्लफ्रेंड ने उसे फोन कर गाड़ी की सर्विसिंग कराने के बहाने वापस बुला लिया। जैसे ही आरोपी सर्विस सेंटर पहुंचा, वहां पहले से तैनात एएनटीएफ टीम ने घेराबंदी कर उसे बिना किसी विरोध के गिरफ्तार कर लिया।
एएनटीएफ के अधिकारियों के अनुसार, हेमरतन लंबे समय से कौशलाराम गैंग के साथ सक्रिय रूप से जुड़ा हुआ था। गैंग की ओर से चोरी की गाड़ियां राजस्थान और गुजरात के बीच सप्लाई करने का जिम्मा उसी के पास था। वह गैंग की इनोवा कार से शराब और अवैध सामान की सप्लाई करता था। पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, आरोपी पहले बाड़मेर और गंगानगर की जेलों में चोरी के मामलों में सजा काट चुका है। इसके अलावा वह गुजरात के पालनपुर टोल पर भी एक बार पकड़ा गया था, जहां से अवैध सामान की सप्लाई करते हुए गिरफ्तार हुआ था।
आईजी विकास कुमार ने बताया कि आरोपी पर दर्ज 8–10 मामलों में कई गंभीर अपराध शामिल हैं। वह न केवल मादक पदार्थ तस्करी में सक्रिय था बल्कि उसने महाराष्ट्र पुलिस द्वारा गैंग सदस्य ओमप्रकाश को ले जाते वक्त उसे छुड़ाने की वारदात में भी भूमिका निभाई थी। इस वारदात के चलते वह नंदूरबार जेल (महाराष्ट्र) में भी रह चुका है। एएनटीएफ टीम के अधिकारियों ने बताया कि हेमरतन बेहद शातिर और तकनीकी रूप से प्रशिक्षित अपराधी था। वह पुलिस की गतिविधियों से बचने के लिए मोबाइल सिम बार-बार बदलता था और लोकेशन ट्रेसिंग से बचने के सभी उपाय जानता था।
लेकिन इस बार उसकी गर्लफ्रेंड से हुए निजी विवाद और पैसों के झगड़े ने पूरा खेल पलट दिया। एएनटीएफ ने मानव स्रोतों और तकनीकी इनपुट दोनों का इस्तेमाल करते हुए ऑपरेशन को गुप्त रखा और आरोपी को बिना किसी संघर्ष के गिरफ्तार कर लिया। अधिकारियों ने बताया कि आरोपी से पूछताछ जारी है। उससे गैंग की गतिविधियों, अवैध सामान की सप्लाई रूट, और अन्य सहयोगियों के बारे में जानकारी ली जा रही है। पुलिस को उम्मीद है कि इस गिरफ्तारी से राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र में फैले तस्करी नेटवर्क के कई छोर उजागर होंगे।

