डब्ल्यूबीएसएससी घोटाला: पार्थ चटर्जी को मंत्री पद से हटाया गया

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कोलकाता, 28 जुलाई (आईएएनएस)। ममता बनर्जी सरकार ने गुरुवार को करोड़ों रुपये के पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (डब्ल्यूबीएसएससी) के सिलसिले में गिरफ्तार किए गए पार्थ चटर्जी को उनके तीनों मंत्री पदों से हटा दिया।

राज्य सचिवालय, नबन्ना में राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में यह निर्णय लिया गया, जो 15 मिनट से भी कम समय तक चली। बैठक के तुरंत बाद, मुख्य सचिव, एच.के. द्विवेदी ने चटर्जी को हटाने पर एक अधिसूचना जारी की, जिनके पास वाणिज्य और उद्योग, संसदीय मामले और सूचना प्रौद्योगिकी और इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग थे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि फिलहाल वह चटर्जी के तीनों विभागों की प्रभारी होंगी। उन्होंने कहा, मैं शायद अब कुछ नहीं कर पाऊंगी। लेकिन जब तक कोई नई व्यवस्था नहीं हो जाती, तब तक मौजूदा स्थिति बनी रहेगी।

चटर्जी को उनकी पार्टी के पदों से हटाया जाएगा या नहीं, इस पर फैसला लेने के लिए गुरुवार शाम को तृणमूल कांग्रेस की अनुशासन समिति की अहम बैठक होगी।

नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर राज्य मंत्रिमंडल के एक सदस्य ने कहा, निर्णय अपरिहार्य है क्योंकि पिछले कुछ दिनों से जो कुछ भी हो रहा है वह न केवल चटर्जी की व्यक्तिगत छवि बल्कि पार्टी और राज्य सरकार की छवि को भी खराब कर रहा है। बैठक में मौजूद कैबिनेट के लगभग सभी सदस्यों ने उन्हें हटाने के लिए आवाज उठाई।

विधानसभा सचिवालय द्वारा मंत्री के रूप में उन्हें आवंटित वाहन वापस लेने के बाद पिछले कुछ दिनों से चटर्जी को हटाने के संकेत स्पष्ट हो गए हैं। राज्य सरकार ने बुधवार को उनके सुरक्षाकर्मियों को भी हटा दिया। बंगाली जागो बांग्ला (वेक अप बंगाल) में पार्टी के अंग ने भी उन्हें पार्टी महासचिव या मंत्री के रूप में संदर्भित करना बंद कर दिया। पार्टी के भीतर से भी दबाव बढ़ रहा था कि चटर्जी को उनके मंत्री और पार्टी विभागों से हटा दिया जाए।

आईएएनएस

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