वह व्यक्ति और उसकी पत्नी आठ साल पहले अलग हो गए थे और उनके बच्चे – एक लड़का और एक लड़की – वेल्लोर के अदुक्कंबरई में उसके और उसके माता-पिता के साथ रह रहे थे।
पुलिस ने कहा कि, आठवीं कक्षा की 13 वर्षीय छात्रा को सरकारी वेल्लोर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसने एक बच्चे को जन्म दिया। जब अस्पताल के अधिकारियों ने लड़की से पूछताछ की तो उसने बताया कि नवंबर 2021 से उसके पिता ने उसके साथ दुष्कर्म किया था।
अस्पताल के अधिकारियों ने तुरंत पुलिस को सूचित किया जिसने उस व्यक्ति को हिरासत में ले लिया और पूछताछ करने पर उसना अपराध स्वीकार कर लिया। आईपीसी की धारा 376 (बलात्कार) और यौन शोषण से बच्चों के संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम की धारा 5 (यौन उत्पीड़न) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
पिता को बुधवार को गिरफ्तार कर पोक्सो कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
मनोवैज्ञानिक और तमिलनाडु के एक सरकारी मेडिकल कॉलेज से मनोविज्ञान की सेवानिवृत्त प्रोफेसर, डॉ सुलेखा बेगम ने आईएएनएस को बताया, यह एक गंभीर अपराध है। रक्षक को भक्षक बनने की अनुमति नहीं दी जा सकती और पुलिस को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उसे अधिकतम सजा दी जाए।
आईएएनएस
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