अमित ने राष्ट्रीय प्रदर्शनी केंद्र में पुरुषों के 51 किग्रा फ्लाइवेट फाइनल में घरेलू पसंदीदा कियारन मैकडॉनल्ड को हराया। इस प्रकार उन्होंने सीडब्ल्यूजी में अपने स्वर्ण पदक का दावा किया।
गोल्ड कोस्ट 2018 में रजत पदक जीतने के बाद पंघाल का राष्ट्रमंडल गेम्स में दूसरा पदक है। पिछले साल ओलंपिक में शुरूआती दौर में हार का सामना करने के बाद स्वर्ण पदक जीतना उनके लिए बड़ी बात है।
यह राष्ट्रमंडल गेम्स 2022 में भारत का पांचवां मुक्केबाजी पदक और दूसरा स्वर्ण पदक भी था।
पहले दौर में, 26 वर्षीय अमित ने विरोधी पर हमला बोलने के लिए थोड़ा समय लिया, लेकिन अवसर मिलने पर अपने मुक्कों का तेजी से चलाना शुरू किया। भारतीय मुक्केबाज ने दूसरे राउंड में हमला करना जारी रखा। मैच के दौरान मैकडॉनल्ड्स को पंघाल के मुक्के लगने के बाद चेहरे पर चोट भी लग गई।
तीसरे राउंड में और अधिक मुक्के बरसाने के बाद भारतीय मुक्केबाज ने राष्ट्रमंडल गेम्स में अपना पहला स्वर्ण पदक जीता।
दूसरी ओर, 21 वर्षीय नीतू ने महिलाओं के 45 किग्रा-48 किग्रा वर्ग में इंग्लैंड की डेमी-जेड रेज्टन को 5-0 से हराकर स्वर्ण पदक जीता। राष्ट्रमंडल गेम्स में यह उनका पहला पदक है और वह दो बार की विश्व युवा चैंपियन भी हैं।
अपने पहले राष्ट्रमंडल गेम्स में भाग ले रही नीतू ने पूरे बाउट के दौरान नियंत्रण में दिखीं। हरियाणा के मुक्केबाज के सटीक मुक्कों ने उन्हें प्रतियोगिता की गति को नियंत्रित करने में मदद की और अंतत: में उन्हें स्वर्ण पदक दिलाने में मदद की।
आईएएनएस
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