नोएडा और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरणों का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता रवींद्र कुमार ने जोरदार तर्क दिया कि आम्रपाली की प्रत्येक परियोजना में घर खरीदारों की संख्या के बारे में जानकारी साझा की जानी चाहिए, जैसा कि आम्रपाली के जुलाई 2019 में दिए गए फैसले की तारीख के अनुसार किया जाना चाहिए।
कुमार ने न्यायमूर्ति यू.यू. ललित ने कहा कि कोर्ट-रिसीवर प्रस्ताव की लीज डीड के प्रावधान, भवन विनियमों, उपयोग किए गए/स्वीकृत और साइट पर वास्तविक निर्माण के आलोक में जांच की जानी चाहिए, ताकि यह पता लगाया जा सके कि कोई खाली जमीन या एफएआर या दोनों उपलब्ध है या नहीं।
अदालत की कार्यवाही का हिस्सा रहे फ्लैट खरीदारों ने भी रिसीवर के सुझाव का विरोध किया।
कुमार ने तर्क दिया कि रिसीवर को शीर्ष अदालत और अधिकारियों को नोएडा और ग्रेटर नोएडा के बकाया को चुकाने की योजना के बारे में सूचित करना चाहिए। उन्होंने योजना विभाग के अधिकारी की अनुपलब्धता की ओर भी इशारा किया, क्योंकि वह कोविड -19 से संक्रमित हैं। शीर्ष अदालत ने दलीलें सुनने के बाद मामले की अगली सुनवाई 18 अगस्त को निर्धारित की।
आईएएनएस
देश विदेश की तमाम बड़ी खबरों के लिए निहारिका टाइम्स को फॉलो करें। हमें फेसबुक पर लाइक करें और ट्विटर पर फॉलो करें। ताजा खबरों के लिए हमेशा निहारिका टाइम्स पर जाएं।