आरएसएस के पदाधिकारी सुनील कितकारू द्वारा लिखित वार्ता इशान भारती (पूर्वोत्तर भारत पर टिप्पणी) के पुस्तक विमोचन समारोह में बोलते हुए, भागवत ने कहा कि देश को आजादी तभी मिली, जब आम लोग सड़कों पर उतरे।
भागवत ने कहा कि परिवर्तन तभी हो सकता है, जब बड़े पैमाने पर लोग शामिल हों। उन्होंने कहा, समाज में रहने वाले लोगों को कमजोर नहीं होना चाहिए। हिंदू समुदाय को अपनी जिम्मेदारी पहचानने के लिए जागृत करना समय की मांग है। एक ईमानदार और सच्चे समाज के निर्माण में अपनी भूमिका निभाने के लिए समाज के प्रत्येक व्यक्ति में आत्मसम्मान, उच्च नैतिक मूल्य, अखंडता, देशभक्ति और अनुशासन होना चाहिए।
उन्होंने दावा करते हुए कहा, हिंदुओं को मजबूत होने की जरूरत है, जिसके लिए संघ सभी को साथ लेकर काम करता रहेगा। यह किसी एक नेता द्वारा हासिल किया जाना संभव नहीं है। जागृत समाज ही राष्ट्र को सतर्क और सभी चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार रख सकता है।
भागवत ने कहा कि क्रांतिकारियों ने भी स्वतंत्रता संग्राम में योगदान दिया और सुभाष चंद्र बोस जैसे नेताओं ने भी इसमें भरपूर योगदान दिया, मगर हर कोई जेल नहीं गया, कुछ दूर रहे।
आईएएनएस
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