सिसोदिया ने कहा कि देश में शासन के दो मॉडल अपनाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा, एक है शासन का दोस्तीवादी मॉडल, जहां सत्ता में बैठे लोग अपने अमीर दोस्तों के करोड़ों के टैक्स माफ करते हैं और इसे विकास कहते हैं, दूसरा मॉडल स्कूल खोलने, बच्चों को मुफ्त शिक्षा, नागरिकों को मुफ्त बिजली, महिलाओं के लिए मुफ्त बस यात्रा और बुजुर्गों को पेंशन देने के लिए करदाताओं के पैसे का ईमानदारी से उपयोग है।
आप नेता ने कहा कि भाजपा का दोस्तीवादी मॉडल अपने दोस्तों के लाखों करोड़ रुपये का कर्ज माफ करता है, लेकिन आम आदमी को स्वास्थ्य और शिक्षा जैसी सुविधाओं से वंचित करता है।
सिसोदिया ने यहां एक प्रेस वार्ता के दौरान कहा, वे (भाजपा) दोस्तीवादी राजनीति करते हैं, जबकि हम आम लोगों के लिए राजनीति करते हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि सीतारमण ने यह दावा करके लोगों को डराने की कोशिश की है कि सार्वजनिक कल्याण पर सरकारी पैसा खर्च करने से भारत नष्ट हो जाएगा, क्योंकि उन्होंने केंद्र से नागरिकों में निवेश करने का आग्रह किया था।
उन्होंने कहा, मैं मैडम (सीतारमण) से अन्य देशों की योजनाओं और मॉडलों का अध्ययन करने और यह देखने के लिए कहना चाहता हूं कि कैसे जनता को मुफ्त योजनाएं प्रदान करके वे आर्थिक रूप से समृद्ध हो गए हैं।
सिसोदिया ने कहा कि प्रत्येक विकसित देश अपने नागरिकों में निवेश करता है, जो बदले में देश का और विकास करता है।
उन्होंने कहा, भाजपा जनता के लिए कल्याणकारी योजनाओं को फ्री की रेवड़ी कहती है, लेकिन हम उन्हें अपने लोगों में निवेश करना कहते हैं।
सिसोदिया ने यह भी दावा किया कि आम आदमी पार्टी के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार में लोगों के लिए मुफ्त योजनाओं के बावजूद राजस्व अधिशेष (सरप्लस) है, जबकि भाजपा शासित राज्य घाटे में हैं।
आईएएनएस
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