सुपरटेक के दोनों टावरों को ध्वस्त करने के लिए शनिवार से विस्फोटक लगाने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है। इसके लिए ट्विन टावर के सामने की सड़क को पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। यहां सिर्फ पुलिस, एडिफिस और जेट डिमोलिशन कंपनी के लोग ही आ-जा सकेंगे। टावर को ध्वस्त करने के लिए जो विस्फोटक लगाया जाएगा, उसमें 325 किलो सुपर पावर जैल, 63300 मीटर्स सोलर कार्ड, सॉफ्ट टयूब, जिलेटिन रॉड, 10990 नंबर सुप्रीम डिले नॉन इलेक्ट्रिक डेटोनेटर रैगिंग क्लास-6 और डिवीजन-2 होंगे। चार इंस्टेंटएनोयस एक्सप्लोसिव डिवाइस का प्रयोग किया जाएगा। विस्फोटक लगाने का काम 60 लोग करेंगे।
टावर के किसी भी पिलर में पांच से ज्यादा छेद नहीं होंगे। किसी भी छेद में 1.375 किलो से ज्यादा विस्फोटक नहीं लगाया जाएगा। किसी भी दो पिलर में एक साथ विस्फोट नहीं होगा। टावर परिसर के 40 मीटर दायरे में किसी भी अन्य तरह की गतिविधि नहीं होनी चाहिए। यह विस्फोट करीब 100 किलोमीटर दूर पलवल स्थित मैगजीन से पुलिस की सुरक्षा में लाया जाएगा।
अधिकारियों के मुताबिक, विस्फोट लगाने में 60 लोगों को लगाया जाएगा। इसके अलावा वहां पर सात दक्षिण अफ्रीका और 10 भारत के विशेषज्ञ मौजूद रहेंगे। इनकी निगरानी में विस्फोट लगाने और उसको चार्ज कराने का काम होगा। ट्विन टावर परिसर में इनके अलावा किसी भी अन्य शख्स को जाने की मंजूरी नहीं होगी। ध्वस्तीकरण वाले दिन संबंधित आरडब्ल्यूए लोगों सहित हर चीज को पूरी तरह से फ्लैट से बाहर लाने के लिए फ्लोर और टावर मैनेजर की नियुक्ति करेंगी।
विस्फोटक लगने का काम आप 15 दिनों तक लगातार चलेगा। ट्विन टावर के करीब 3700 पिलरों में विस्फोट होना है। इसके लिए 9800 छेद किए गए हैं। सीबीआरआई से क्लियरेंस मिल चुकी है। लगातार 15 दिनों तक विस्फोटक आएगा और सुबह आठ बजे से दिन ढलने तक रिचार्ज का काम किया जाएगा। इसके बाद दोनों टावरों को पूरी तरह से सील कर दिया जाएगा।
आईएएनएस
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