डीसीपी क्राइम विचित्र वीर ने कहा कि आरोपी की पहचान भूपेंद्र उर्फ मोनू (28) के रूप में हुई है, जिसे अलीपुर से एक गुप्त सूचना के बाद पकड़ा गया।
अपराध शाखा को मोनू के बारे में जानकारी मिली, जो 2016 में घोषित अपराधी घोषित होने के बाद छह साल तक अपनी गिरफ्तारी से बचने में कामयाब रहा। इसके बाद एक टीम बनाई गई थी।
मोनू को अलीपुर में स्पॉट किया गया। अलीपुर थाने के साथ-साथ कोर्ट के रिकॉर्ड से भी तथ्यों की जांच की गई। सूचना और आपराधिक रिकॉर्ड के सत्यापन के बाद, हमने अलीपुर में छापेमारी की और मोनू को पकड़ लिया गया।
अधिकारी ने कहा कि घोषित अपराधी घोषित होने के बाद भी मोनू अपराध में शामिल रहा और उसे डकैती और शस्त्र अधिनियम के मामलों में शामिल पाया गया।
अधिकारी ने कहा, अपराध शाखा की एनआर-2 इकाई ने वांछित अपराधियों और भगोड़े अपराधियों का पता लगाने के लिए एक विशेष टीम का गठन किया है। टीम क्षेत्र में नियमित निगरानी और मानव खुफिया के माध्यम से ऐसे अपराधियों की तलाश करती है।
आईएएनएस
देश विदेश की तमाम बड़ी खबरों के लिए निहारिका टाइम्स को फॉलो करें। हमें फेसबुक पर लाइक करें और ट्विटर पर फॉलो करें। ताजा खबरों के लिए हमेशा निहारिका टाइम्स पर जाएं।