मुर्मू ने राष्ट्र के नाम अपने पहले संबोधन में भारत की सफलता की कहानी पर प्रकाश डाला

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नई दिल्ली, 14 अगस्त (आईएएनएस)। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्र के नाम अपने पहले संबोधन में भारत के जीवंत लोकतंत्र, कोविड के टीकों की सफलता की कहानी, आत्मानिर्भर भारत और महामारी के बाद देश की अर्थव्यवस्था के विकास के बारे में बात की।

राष्ट्रपति ने रविवार को कहा कि यह ना केवल हम सभी के लिए, बल्कि दुनिया भर में लोकतंत्र के हर पैरोकार के लिए भी उत्सव का कारण है।

जब भारत ने स्वतंत्रता प्राप्त की, तो कई अंतरराष्ट्रीय नेता और विशेषज्ञ थे, जो भारत में सरकार के लोकतांत्रिक रूप की सफलता के बारे में संशय में थे। उनके पास संदिग्ध होने के अपने कारण थे। उन दिनों, लोकतंत्र आर्थिक रूप से उन्नत राष्ट्रों तक सीमित था। भारत, विदेशी शासकों के हाथों शोषण के इतने वर्षों के बाद, गरीबी और निरक्षरता द्वारा चिह्न्ति किया गया था। लेकिन हम भारतीयों ने संशयवादियों को गलत साबित कर दिया। इस मिट्टी में न केवल लोकतंत्र की जड़ें बढ़ीं, बल्कि समृद्ध भी हुई।

मुर्मू ने कहा कि आजादी का अमृत महोत्सव भारत की जनता को समर्पित है।

उन्होंने कहा, लोगों द्वारा प्राप्त सफलता के आधार पर, आत्मनिर्भर भारत बनाने का संकल्प भी इस महोत्सव का हिस्सा है। सभी आयु वर्ग के नागरिकों ने देश भर में आयोजित कार्यक्रमों में उत्सुकता से भाग लिया है।

वैक्सीन की सफलता की कहानी के बारे में बात करते हुए, राष्ट्रपति ने कहा, दुनिया ने हाल के वर्षों में एक नए भारत का उदय देखा है, खासकर कोविड -19 के प्रकोप के बाद। महामारी के प्रति हमारी प्रतिक्रिया की हर जगह सराहना की गई है। हम देश में ही निर्मित टीकों के साथ मानव इतिहास में सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान शुरू किया।

पिछले महीने, हमने वैक्सीन कवरेज में 200 करोड़ का आंकड़ा पार किया। महामारी से निपटने में, हमारी उपलब्धियां कई विकसित देशों की तुलना में बेहतर रही हैं। इस उपलब्धि के लिए हम अपने वैज्ञानिकों, डॉक्टरों, नर्सों, पैरामेडिक्स और टीकाकरण से जुड़े कर्मचारियों के आभारी हैं।

राष्ट्रपति ने कहा कि महामारी ने पूरी दुनिया में जीवन और अर्थव्यवस्थाओं को भी उजाड़ दिया है।

जब दुनिया महान संकट के आर्थिक परिणामों से जूझ रही है, भारत ने एक साथ काम किया और अब आगे बढ़ रहा है। भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। भारत का स्टार्ट-अप इको-सिस्टम दुनिया में उच्च स्थान पर है। हमारे देश में स्टार्ट-अप की सफलता, विशेष रूप से यूनिकॉर्न की बढ़ती संख्या हमारी औद्योगिक प्रगति का एक चमकदार उदाहरण है।

उन्होंने कहा, सरकार और नीति-निर्माता वैश्विक प्रवृत्ति को मात देने और अर्थव्यवस्था को फलने-फूलने में मदद करने के लिए श्रेय के पात्र हैं। पिछले कुछ वर्षों के दौरान, भौतिक और डिजिटल बुनियादी ढांचे के विकास में अभूतपूर्व प्रगति हुई है।

आईएएनएस

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Sabal Singh Bhati is CEO and chief editor of Niharika Times
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