नई दिल्ली, 21 नवंबर ()। हाल ही में हॉकी इंडिया की सभी सदस्य इकाइयों को लिखे पत्र में हॉकी इंडिया के अध्यक्ष डॉ दिलीप तिर्की ने आधुनिक हॉकी में विशेषज्ञ ड्रैग-फ्लिकर और गोलकीपरों के महत्व पर जोर दिया और खेल के ये दो पहलुओं में अकादमियों से सुधार पर ध्यान केंद्रित करने को कहा।
डॉ दिलीप तिर्की ने इन दो कौशलों में विशेषज्ञता प्राप्त युवा एथलीटों के प्रतिभा पूल को विकसित करने की आवश्यकता पर भी प्रकाश डाला।
दिलीप तिर्की ने कहा, ड्रैग-फ्लिकिंग तकनीक आधुनिक हॉकी के सबसे रोमांचकारी पहलुओं में से एक बन गई है। एक अच्छी तरह से समन्वित पेनल्टी कार्नर की खुशी के साथ गेंद को रक्षकों से झकाते हुए गोल करना होता है। यह खेल के सबसे रोमांचक पहलुओं में से एक है।
दिलीप तिर्की ने कहा, इसी तरह, एक अच्छी तरह से प्रशिक्षित और चुस्त गोलकीपर होने का महत्व बढ़ रहा है। प्रमुख अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंटों में भारत की हालिया सफलता का श्रेय पीआर श्रीजेश और सविता पुनिया को दिया जा सकता है, जिन्होंने अत्यधिक पेशेवरता के साथ अपनी भूमिका निभाई है।
उन्होंने आगे कहा, जूनियर स्तर पर ड्रैग-फ्लिकर और गोलकीपरों को अभी भी अपने खेल कौशल में व्यापक सुधार की आवश्यकता है। इसलिए, अकादमियों में इन विषयों में कोचिंग की आवश्यकता बढ़ रही है।
इन पहलुओं में हमारी प्रतिभा के पूल को बढ़ाने की आवश्यकता की आवेश में, हॉकी इंडिया ने कम उम्र से ही प्रतिभाओं की खोज की प्रक्रिया शुरू की है। हॉकी अकादमियों और खेल छात्रावासों कार्यक्रम के समर्थन से, इन एथलीटों के प्रशिक्षण और राष्ट्रीय स्तर के लिए चयन का समर्थन किया है।
इसके अतिरिक्त, इन दो महत्वपूर्ण क्षेत्रों में बेहतर युवा प्रतिभा विकसित करने के लिए, हॉकी इंडिया ने सदस्य इकाइयों से हॉकी अकादमियों और खेल छात्रावासों में विशेष कोचिंग शुरू करने का आग्रह किया है।
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