लोगों की संस्कृति, जीवन को दिखाने वाली मणिपुरी फिल्मों ने वैश्विक ध्यान खींचा है

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पणजी, 25 नवंबर ()। पूर्वोत्तर राज्य के फिल्म निर्देशक और निर्माताओं ने शुक्रवार को कहा कि मणिपुरी फिल्में पिछले 50 वर्षों से राज्य की संस्कृति और जीवन के तरीके को पेश करती आ रही हैं।

मणिपुरी सिनेमा के 50 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में चल रहे भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (आईएफएफआई) के 53वें संस्करण के दौरान उन्होंने यह बात कही।

देब कुमार बोस निर्देशित मातांबी मणिपुर पहली मणिपुरी फिल्म थी, जो 9 अप्रैल 1972 को रिलीज हुई थी। तब से 9 अप्रैल को मणिपुरी सिनेमा की जयंती के रूप में मनाया जाता है।

मणिपुर स्टेट फिल्म डेवलपमेंट सोसाइटी (एमएसएफडीएस) के सचिव सुंजु बच्चापतिमयूम ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रशंसित मणिपुरी फिल्में जैसे इमागी निंगथेम, ईशानौ, लोकतक लैरेम्बी या लुक एट द स्काई मणिपुरी समाज, संस्कृति और जीवन के तरीके के प्रक्षेपण हैं।

53वें आईएफएफआई में एक विशेष खंड देकर 50 साल पुराने मणिपुरी सिनेमा को विधिवत मान्यता देने और सम्मानित करने के लिए सूचना और प्रसारण मंत्रालय, राष्ट्रीय फिल्म विकास निगम और आईएफएफआई का आभार व्यक्त करते हुए, एमएसएफडीएस सचिव ने कहा कि इस तरह की मान्यता से मणिपुरी सिनेमा को और बढ़ावा मिलेगा और नए फिल्म निर्देशक और निर्माताओं को प्रोत्साहन मिलेगा।

पीजेएस/एसकेपी

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