नई दिल्ली, 7 दिसंबर ()। सुप्रीम कोर्ट में एडवोकेट सुलेमान मोहम्मद खान ने एक याचिका दायर की है। जिसमें दावा किया गया है कि उत्तर प्रदेश के रामपुर विधानसभा सीट पर 5 दिसंबर को हुए उपचुनाव के दौरान पुलिस ने कथित तौर पर मुस्लिम बहुल इलाकों में मतदाताओं को मतदान करने से रोका था।
एडवोकेट सुलेमान मोहम्मद खान ने चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच के समक्ष मामले का उल्लेख किया है। उन्होंने आरोप लगाया है कि रामपुर सदर विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव के दौरान पुलिस ने मतदाताओं को पीटा और उन्हें वोट डालने के लिए उनके घरों से बाहर नहीं निकलने दिया।
खान ने दावा किया कि वह निर्वाचन क्षेत्र में एक मतदाता हैं और उन्होंने खुद पुलिस के इस अत्याचार को देखा है। खान ने सुनवाई के लिए याचिका को तत्काल सूचीबद्ध करने की मांग की। उन्होंने कहा कि पुलिस जोकि संविधान की रक्षक हैं उसने हजारों मतदाताओं को वोट देने से रोक दिया है। इतना है नहीं मतदाताओं को पीटा भी है जिस कारण कई लोगों के सिर में चोटें भी आई हैं।
चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने उनसे कहा कि लोकतंत्र में चुनावों की अपनी पवित्रता होती है और इस प्रक्रिया को रोका नहीं जा सकता। बेंच ने उन्हें गुरुवार सुबह फिर से अपनी याचिका का उल्लेख करने को कहा है। बेंच ने एडवोकेट से मतदान के दिन और मतगणना के कार्यक्रम के बारे में भी पूछा। खान ने जवाब देते हुए कहा कि मतगणना गुरुवार को होगी।
बेंच ने कहा कि वह इस तरह से कोई आदेश पारित नहीं कर सकती है। एडवोकेट से गुरुवार सुबह इस मामले का उल्लेख करने को कहा है। एडवोकेट खान की याचिका के अनुसार, इस घटना के कारण मतदान 33.94 प्रतिशत तक गिर गया और तर्क दिया गया है कि अनुच्छेद 14, 19 और 21 के तहत अधिकारों का उल्लंघन किया गया है। याचिका में उपचुनाव को अवैध घोषित करने की मांग की गई है।
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