शबाना आजमी ने यूएस स्टाइल फिल्म सर्टिफिकेशन की जरूरत पर दिया जोर

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लखनऊ, 19 दिसंबर ()। दिग्गज अभिनेत्री शबाना आजमी ने अमेरिकी शैली की फिल्म प्रमाणन प्रणाली को अपनाने की जरूरत पर जोर दिया है। उनका मानना है कि सेंसर बोर्ड को नहीं बल्कि फिल्म निर्माताओं को यह तय करना चाहिए कि किसी ²श्य को हटाने की जरूरत है या नहीं।

रविवार शाम यहां एक कार्यक्रम में पठान विवाद के मद्देनजर एक सवाल का जवाब देते हुए पांच बार की राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार विजेता ने कहा, सेंसर बोर्ड जो करता है वह उसका काम नहीं होना चाहिए, इस काम के लिए खुद फिल्म निर्माता या कलाकारों को निर्णय लेना चाहिए, यही सही है, कलाकारों और फिल्म निर्माताओं को अच्छे से पता होता है कि कहां किस जगह फिल्म में कट लगाना है। अमेरिका में ऐसी प्रणाली है और हमको उसको अपनाना चाहिए।

हमारा देश ब्रिटेन की सेंसरशिप शैली का अनुसरण करता है जिसमें सरकार द्वारा जीवन के विभिन्न क्षेत्रों या शिक्षाविद्, समाजशास्त्री आदि जैसे व्यवसायों से लगभग 30 लोगों को चुना जाता है और उन्हें हर पांच साल में देश की नैतिकता को बदलने के लिए निर्णय पर बैठाया जाता है, उस समय की राजनीतिक व्यवस्था के हिसाब से। खैर यह कोई ऐसी बात नहीं है कि लोगों को इसके बारे में जानकारी नहीं है कि जिन लोगों को वहां बैठया जाता है, उनका संबंध सत्ता पक्ष से होता है।

गौरतलब है कि अभिनेत्री शबाना आजमी पद्म भूषण और पद्मश्री से सम्मानित हो चुकी हैं।

अपनी बात आगे करते हुए शबाना आजमी ने कहा, मैं कई सालों से चिल्ला रही हूं कि सिनेमैटोग्राफ एक्ट 1952 में संशोधन की जरूरत है। जब कोई फिल्म को दिखाने के सर्टिफिकेट मिल जाता है तो फिर कानून व्यवस्था की समस्या नहीं होनी चाहिए। अभिव्यक्ति की आजादी का मतलब है कि आप कठोर शब्द बोल सकते हैं, लेकिन अगर यह सांप्रदायिक दंगों को ट्रिगर करता है, तो इसे संभालने और नियंत्रित करने की जिम्मेदारी सरकार की है।

पीटी/एसकेपी

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kheem singh Bhati is a author of niharika times web portal, join me on facebook - https://www.facebook.com/ksbmr
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