माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने नोटबंदी के निर्णय को सही ठहराया है, पूरी तरह से भ्रामक और गलत है : जयराम रमेश

नई दिल्ली, 2 जनवरी ()। कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने कांग्रेस कार्यालय में आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि सर्वोच्च न्यायालय ने केवल इस संदर्भ में अपना निर्णय दिया है कि क्या 08 नवंबर, 2016 को नोटबंदी की घोषणा से पूर्व आरबीआई अधिनियम, 1934 की धारा 26(2) की समुचित अनुपालना की गई थी अथवा नहीं, इससे कम या ज्यादा कुछ नहीं है। एक माननीय न्यायाधीश ने अपनी असहमति दर्ज करते हुए कहा है कि संसद को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए था।

आगे जयराम रमेश ने कहा कि इस निर्णय में नोटबंदी के असर पर कोई टिप्पणी नहीं की गई है। जो कि एक नितांत विनाशकारी निर्णय था। इस निर्णय ने विकास की गति को क्षति पहुंचाई, सूक्ष्म, लघु और मझौले स्तर की इकाईयों को पंगु बनाया, अनौपचारिक क्षेत्र को समाप्त कर दिया। और लाखों लोगों की अजीविका को नष्ट कर दिया।

जयराम रमेश ने कहा कि निर्णय में इस संबंध में कुछ नहीं कहा गया है कि क्या नोटबंदी अपने घोषित उद्देश्यों को प्राप्त करने में सफल रही या नहीं। प्रचलन में मुद्रा को कम करना, कैशलेस अर्थव्यवस्था की ओर आगे बढ़ना, नकली मुद्रा पर अंकुश लगाना, आतंकवाद को समाप्त करना और काले धन का पदार्फाश करना जैसे घोषित उद्देश्यों में से किसी उद्देश्य को प्राप्त करने में कोई भी उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल नहीं की जा सकी।

अंत में जयराम रमेश ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा बहुमत से लिया गया ये फैसला केवल निर्णय लेने की प्रक्रिया के मुद्दे तक सीमित है। और नोटबंदी के परिणामों से इसका कोई संबंध नहीं है। ये कहना कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने नोटबंदी के निर्णय को सही ठहराया है, पूरी तरह से भ्रामक और गलत है।

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Sabal Singh Bhati is CEO and chief editor of Niharika Times
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