जयपुर। राजस्थान, जो अपनी समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर और ऐतिहासिक स्मारकों के लिए जाना जाता है, अब हवाई सेवाओं के विस्तार के माध्यम से नई दिशा में आगे बढ़ रहा है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में राज्य सरकार ने हवाई सेवाओं को उन्नत करने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं, जिनसे न केवल पर्यटन, बल्कि व्यापार, निवेश और शिक्षा के क्षेत्र में भी नवाचार होगा। राजस्थान की हवाई सेवाओं का विस्तार प्रदेश की अर्थव्यवस्था और रोजगार के नए द्वार खोलेगा और आने वाले वर्षों में राज्य को विमानन क्षेत्र में एक प्रमुख केंद्र के रूप में स्थापित करेगा।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने कोटा-बूंदी में एक नए ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट की मंजूरी दी है, जिसके लिए 1507 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है। यह हवाईअड्डा 20,000 वर्ग मीटर में फैले टर्मिनल भवन के साथ 321 विमानों को सेवा देने के लिए तैयार होगा। इसकी वार्षिक यात्री क्षमता 20 लाख होगी, जो राज्य के पर्यटन को गति देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। एयरो स्पोर्ट्स के लिए नई नीति राज्य सरकार ने हवाई पट्टियों के अधिकतम उपयोग को सुनिश्चित करने और एडवेंचर ट्यूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए एयरो स्पोर्ट्स गतिविधियों के लिए भूमि लीज आवंटन नीति को मंजूरी दी है।
इससे रोजगार के नए अवसर उत्पन्न होंगे और प्रदेश की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। युवाओं के लिए ट्रेनिंग स्कूल सरकार ने युवाओं के लिए फ्लाइंग ट्रेनिंग स्कूल की स्थापना की दिशा में भी कदम बढ़ाए हैं। किशनगढ़ में स्थापित फ्लाइंग ट्रेनिंग स्कूल के बाद भीलवाड़ा और अन्य स्थानों पर भी नए स्कूल खोले जाएंगे। समर्पित राज्य टर्मिनल और क्षेत्रीय हवाई संपर्क जयपुर हवाईअड्डे पर समर्पित राज्य टर्मिनल का निर्माण और अन्य महत्वपूर्ण हवाई अड्डों के विस्तार से प्रदेश का हवाई संपर्क और भी मजबूत होगा।
साथ ही क्षेत्रीय हवाई संपर्क योजना के तहत माउंट आबू, भीलवाड़ा, सीकर और श्रीगंगानगर जैसे पर्यटन स्थलों को जोड़ने का प्रस्ताव केंद्र को भेजा गया है।