दशहरा मेले में मोबाइल नेटवर्क की समस्या से आमजन परेशान

Tina Chouhan

कोटा। राष्ट्रीय दशहरा मेले का विधिवत शुभारम्भ तो हो गया है लेकिन पूरी तरह से मेला 2 अक्टूबर को दशहरे के दिन से होगा। उसी दिन से मेले में भीड़ के कारण मोबाइल नेटवर्क जाम होने की समस्या से आमजन को दोचार होना पड़ता है। ऐसे में परिजनों के बिछुड़ने पर उनसे आपस में सम्पर्क करना मुश्किल हो जाता है। इस समस्या से निपटने के लिए मेला समिति व अधिकारी तो वॉकी-टॉकी का उपयोग करते हैं। निगम कोटा दक्षिण व उत्तर की ओर से आयोजित दशहरा मेला शुरु हो गया है।

लेकिन अभी यहां सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन नहीं होने व पूरी दुकानें भी नहीं लगने से लोग बहुत कम पहुंच रहे हैं। लेकिन जैसे ही 2 अक्टूबर को दशहरे के दिन रावण दहन होगा। उस दिन से मेले में लोगों की भीड़ उमड़ना शुरु हो जाती है। भीड़ भी इतनी अधिक रहती है कि मेला परिसर में लोग एक दूसरे से सटकर चलते है। विशेष रूप से झूला मार्केट व फूड कोर्ट में सबसे अधिक भीड़ रहती है।

वहीं मेले के दौरान होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रमों और शनिवार व रविवार को अवकाश के दिन तो मेला परिसर में सांस लेना तक दूभर हो जाता है। इस बार दशहरे पर 215 फीट का विशाल रावण दहन होगा। ऐसे में उसे देखने के कारण भीड़ पहले से काफी अधिक रहने की संभावना है। खोया-पाया पर उद्घोषणा मोबाइल नेटवर्क जाम होने से फोन नहीं लगने पर कई लोग तो निगम की ओर से मुख्य प्रवेश द्वार श्रीराम द्वार के पास खोया-पाया केन्द्र पर सूचना देते हैं। वहां से बिछड़े लोगों व बच्चों के बारे में उद्घोषणा की जाती है।

जिससे बड़ी संख्या में लोगों को आपस में मिलाने का काम किया जाता है। लेकिन मोबाइल से बात करके मिलना संभव नहीं हो पाता है। इस समस्या से कुछ लोग ही नहीं मेले में आने वाले अधिकतर लोगों को इस समस्या का सामना करना पड़ता है। इनका कहना है मेले में भीड़ के कारण मोबाइल नेटवर्क व फोन जाम होने की समस्या आती है। गत वर्ष भी इसका सामना करना पड़ा था। इसके लिए समिति सदस्यों व अधिकारियों ने वॉकी-टॉकी का उपयोग किया था। करीब 10 वॉकी-टॉकी से आपस में बातचीत व सम्पर्क करना सुविधाजनक रहा था।

इस बार तीन मोबाइल कम्पनियों को पत्र लिखे गए हैं। समिति ने जिला कलक्टर के माध्यम से कम्पनियों को पत्र भेजकर मेला परिसर व उसके आस-पास टावर लगाने या अन्य व्यवस्था करने का निवेदन किया है जिससे लोगों को इस समस्या का सामना नहीं करना पड़े। संभावना है कि दशहरे तक इस समस्या का समाधान हो सकता है। – विवेक राजवंशी, अध्यक्ष मेला समिति

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