कोटा उत्तर वार्ड 10 की सफाई व्यवस्था और पार्किंग की समस्याएं

Tina Chouhan

कोटा। नगर निगम का दावा है कि वह हर वार्ड में सफाई व्यवस्था को सुधारने और नागरिक सुविधाओं को बढ़ाने का प्रयास कर रहा है, लेकिन कोटा उत्तर नगर निगम के वार्ड नंबर 10 की स्थिति इसके विपरीत है। वार्ड की गलियां, नालियां और सार्वजनिक स्थल गंदगी और अव्यवस्था से भरे हुए हैं, जिससे स्थानीय लोग परेशान हैं। वार्ड में न तो कोई पार्क है और न ही सामुदायिक भवन, जहां लोग सामाजिक या सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित कर सकें। इसके कारण निवासियों को छोटे पारिवारिक आयोजनों के लिए निजी स्थान किराए पर लेना पड़ता है।

निवासियों का कहना है कि कई बार शिकायत करने के बावजूद निगम प्रशासन ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। सब्जी मंडी की स्थिति भी बेहद खराब है, जहां जगह-जगह सड़ी हुई सब्जियां, पॉलीथिन और गंदगी फैली हुई है। स्थानीय दुकानदारों का कहना है कि सफाईकर्मी कई दिनों तक नहीं आते, जिससे बदबू और मच्छरों की समस्या बढ़ गई है। वार्ड का क्षेत्र मन्ना कॉलोनी, शमशान, सुलभ कॉम्प्लेक्स, गणेश नगर, सरकारी स्कूल, अमृत कॉलोनी, खारा कुआं, बालाजी की बगीची, मस्जिद और मिलेट्री के क्षेत्र को शामिल करता है।

मन्ना कॉलोनी में नालियां महीनों से जाम हैं और गंदा पानी सड़कों पर बह रहा है, जिससे दुर्गंध फैल रही है और लोग बीमारियों के डर से परेशान हैं। वार्ड के मुख्य मार्ग पर पुल के नीचे अवैध पार्किंग स्थल बन गया है, जहां ट्रक, टैक्सी और निजी वाहन खड़े रहते हैं, जिससे यातायात बाधित होता है। निवासियों का कहना है कि नगर निगम और ट्रैफिक पुलिस इस समस्या पर ध्यान नहीं दे रहे हैं। वार्डवासियों की मांग है कि एक सामुदायिक भवन और छोटा पार्क बनाया जाए, जिससे बच्चों और बुजुर्गों को राहत मिले।

वार्ड 10 की समस्याएं वर्षों से जस की तस हैं। चुनावी समय में वादे तो किए जाते हैं, लेकिन जमीनी स्तर पर हालात नहीं बदलते। वार्डवासी अब उम्मीद कर रहे हैं कि नगर निगम प्रशासन और जनप्रतिनिधि इस ओर ध्यान देकर सुधारात्मक कदम उठाएं। वार्ड में अब तक 32 करोड़ रुपए के विकास कार्य किए गए हैं, लेकिन नई सरकार के बाद निगम के अधिकारी समस्याओं को नजरअंदाज कर रहे हैं। सफाई जैसी मूलभूत सुविधाएं भी पूरी नहीं मिल रही हैं और अधिकारी अपने स्वार्थ में कर्मचारियों को निजी आवासों में तैनात कर चुके हैं।

राजनीतिक भेदभाव का सीधा असर वार्डवासियों पर पड़ रहा है।

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