वायुसेना प्रमुख ने प्रशिक्षण प्रणाली में सुधार की आवश्यकता बताई

Sabal SIngh Bhati
By Sabal SIngh Bhati - Editor

नई दिल्ली। भारतीय वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने कहा है कि बदलती वैश्विक परिस्थितियों और नई तकनीकों के दौर में सेना को हर समय तैयार और सक्षम बनाए रखने के लिए प्रशिक्षण प्रणाली में बड़े बदलाव की जरूरत है। वे शुक्रवार को बंगलूरू स्थित मुख्यालय प्रशिक्षण कमान में आयोजित ‘ट्रेनिंग कमांड कमांडर्स कॉन्फ्रेंस 2025 की अध्यक्षता कर रहे थे। यह सम्मेलन 23 और 24 अक्टूबर को हुआ, जिसमें वायुसेना के सभी प्रशिक्षण प्रतिष्ठानों के कमांडर शामिल हुए।

वायुसेना की ओर से जारी बयान के अनुसार, इस सम्मेलन में प्रशिक्षण दर्शन में बदलाव, बुनियादी ढांचे का आधुनिकीकरण, और प्रशिक्षण पद्धतियों को नए परिचालन जरूरतों के अनुरूप ढालने जैसे कई महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा हुई। एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने कहा कि वैश्विक खतरे और नई तकनीक तेजी से बदल रही हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि इन चुनौतियों का सामना करने के लिए वायुसेना की प्रशिक्षण प्रणाली को लचीला, आधुनिक और तकनीक आधारित बनाया जाना चाहिए। इस सम्मेलन में उन्होंने सभी प्रशिक्षण केंद्रों के प्रदर्शन की समीक्षा भी की।

उन्होंने अब तक की उपलब्धियों की सराहना करते हुए यह भी बताया कि कुछ क्षेत्रों में सुधार की आवश्यकता है। उनका कहना था कि प्रशिक्षण केवल कौशल बढ़ाने का साधन नहीं है, बल्कि यह सेना की तैयारियों, मानसिक दृढ़ता और रणनीतिक सोच को विकसित करने का प्रमुख माध्यम है। इस कार्यक्रम में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले स्टेशनों को ट्रॉफी और सम्मान भी दिया गया। इस वर्ष ‘प्राइड ऑफ द ट्रेनिंग कमांड’ ट्रॉफी एयर फोर्स अकादमी को प्रदान की गई। अकादमी ने संचालन, रखरखाव और प्रशासन के क्षेत्रों में बेहतरीन प्रदर्शन किया।

इस बैठक का उद्देश्य वायुसेना की प्रशिक्षण प्रणालियों को वैश्विक मानकों के अनुरूप लाना, नई तकनीकों को शामिल करना और सैनिकों को हर प्रकार के मिशन के लिए तैयार करना बताया गया। एयर चीफ मार्शल सिंह ने इस सम्मेलन में यह भी कहा कि प्रशिक्षण में नवाचार और आधुनिक तकनीक अपनाना अब अनिवार्य है, ताकि वायुसेना की दक्षता और युद्धक क्षमता लगातार बढ़ती रहे। इस दो दिवसीय सम्मेलन में वायुसेना की रणनीतिक तैयारियों, आधुनिक प्रशिक्षण उपकरणों और तकनीकी सुधारों पर विस्तार से चर्चा हुई।

अधिकारियों ने भविष्य की चुनौतियों के लिए प्रशिक्षण योजनाओं को और प्रभावी बनाने पर ध्यान केंद्रित किया।

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